चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने हरित विकास की रणनीति को अभूतपूर्व ऊंचाई पर रखा है

Chinese President Xi Jinping put green development strategy at unprecedented heights
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने हरित विकास की रणनीति को अभूतपूर्व ऊंचाई पर रखा है
 बीजिंग चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने हरित विकास की रणनीति को अभूतपूर्व ऊंचाई पर रखा है
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  • चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने हरित विकास की रणनीति को अभूतपूर्व ऊंचाई पर रखा है

डिजिटल, डेस्क बीजिंग। इधर के कुछ दिनों में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग उत्तर पश्चिमी चीन के शैनशी प्रांत के दौर पर हैं। उनके मौजूदा दौरे का पहला पड़ाव युलिन रासायनिक उद्योग लिमिटेड कंपनी थी। उन्होंने वहां चक्रीय अर्थव्यवस्था में कोयले के चतुमुर्खी प्रयोग परियोजना निर्माण परियोजना की जानकारी ली। उन्होंने बल दिया कि हमें हरित और कम कार्बन विकास रास्ते पर चलना है। इस तरह हम संसाधन, ऊर्जा तथा पर्यावरण की पराकाष्ठा को पार नहीं करेंगे और हमारे गृह पृथ्वी का अच्छा संरक्षण करेंगे।

गौरतलब है कि पिछली दो बार स्थानीय निरीक्षण दौरे में शी चिनफिंग ने भी सबसे पहले पर्यावरण संरक्षण और पारिस्थितिकी निर्माण की स्थिति का जायजा लिया। इस जुलाई में तिब्बत की यात्रा में शी ने विमान से उतरने के बाद सीधे नियांग नदी जाकर पर्यावरण और प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र की स्थिति का हालचाल जाना। इस अगस्त हपेइ प्रांत के छंगते के निरीक्षण दौरे में उन्होंने विश्व के सबसे बड़े कृत्रिम वन साइहानपा को अपना पहला पड़ाव चुना। यह स्पष्ट है कि शी चिनफिंग के दिल में हरित विकास अत्यंत अहम है। हरित विकास की रणनीति को महत्व देना शी की एक साफ पहचान है। शी की नजर में हरित विकास न सिर्फ चीनी राष्ट्र के भविष्य, बल्कि मानवता के साझे भविष्य से जुड़ा है।

जब शी चिनफिंग वर्ष 2012 में चीन के सर्वोच्च नेता बने, उस समय चीन गंभीर पर्यावरण समस्या से जूझ रहा था। उदाहरण के लिए पेइचिंग समेत उत्तर चीन में अकसर गंभीर धूंध छायी रहती थी, जो लोगों के स्वास्थ्य को बड़ी हानि पहुंचाती थी। पर्यावरण समस्या का मूल कारण है कि पहले चीन ने तेज आर्थिक वृद्धि हासिल करने के लिए पर्यावरण सवाल पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया और कुछ जगहों में आर्थिक लाभ के लिए पर्यावरण का बलिदान दिया जाता था।

सत्ता में आने के बाद शी चिनफिंग ने साफ कहा कि नये युग में हम पहले के विकास की लीक पर नहीं चल सकते। चीनी अर्थव्यवस्था नयी सामान्यता के दौर में जा पहुंची है और हमारी नजर सिर्फ जीडीपी पर नहीं टिकनी चाहिए। हम नये विकास की अवधारणा लागू कर गुणवत्ता विकास का अनुसरण करेंगे। उन्होंने यही नारा पेश किया कि हरे पहाड़ और स्वच्छ जल तो अनमोल संपत्ति है। उनके नेतृत्व में फाइव इन वान चीन के विकास की नयी रणनीति बन गयी। फाइव इन वन का मतलब है कि समंवित रूप से आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और पारिस्थितिकी सभ्यता का निर्माण बढ़ाया जाए। इधर के कुछ सालों में चीन के पारिस्थितिकी सभ्यता के निर्माण में तेजी आ रही है और हरित, कम कार्बन तथा चक्रीय आर्थिक विकास दिन ब दिन मजबूत हो रहा है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   15 Sept 2021 2:30 PM GMT

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