Border dispute: चीन ने LAC पर बढ़ाई सेना, भारत भी आक्रामक रुख पर अड़ा, यहां जानें कहां-कहां है सीमा विवाद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लद्दाख में भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन ने अपनी सेना बढ़ा दी है। पैंगोंग त्सो (झील) और गालवान घाटी में सैनिकों की संख्या बढ़ाए जाने के बाद भारत भी आक्रामक रुख पर अड़ा हुआ है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी हाल में पीछे हटने वाला नहीं है।
भारत-चीन सीमा के समीप रहने वाले लोगों ने बताया कि चीनियों ने खासकर गल्वान वैली में पिछले दो हफ्तों में सैन्य टुकड़ियों के करीब-करीब 100 टेंट गाड़ दिए। चीनी सैनिक यहां पर बंकर बनाने की तैयारी कर रहे है, इसलिए औजार भी ले जा रहे हैं। वहीं भारतीय सेना ने बयान जारी करते हुए जवानों चीन द्वारा हिरासत में लिए जाने की मीडिया रिपोर्ट का खंडन किया है।
बता दें कि दो दिन पहले शुक्रवार को भारतीय सेना प्रमुख चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरावणे ने कॉर्प्स के लेह स्थित मुख्यालय का दौरा किया और LAC पर विवादिस्त स्थल समेत पूरे इलाके की सुरक्षा हालात की समीक्षा थी। इस दौरान सेना प्रमुख ने कहा था कि भारत हर स्थिति का सामना करने में समक्ष है। जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना भी त्सो लेक और ग्वालन वैली, दोनों जगहों पर चीनी टुकड़ियों की बराबरी में सैन्य टुकड़ियां भेज रही है।
बता दें कि भारत-चीन सीमा पर तनाव की स्थिति 5 मई के बाद पैदा हुई थी। बीते 5 मई को पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब बिगड़ गई जब करीब 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई और अगले दिन तक जारी रही। बाद में दोनों ओर के लोकल कमांडरों की मीटिंग हुई और दोनों तरफ के सैनिक पीछे हटे। दोनों तरफ के सैनिकों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से प्रहार के साथ-साथ पत्थरबाजी भी की।
जानिए कहां-कहां हैं विवाद
भारत-चीन के बीच 3 हजार 488 किलोमीटर तक फैली वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर ऐसी कई जगह हैं, जहां दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवाद होता आ रहा है। चीन दुनिया की सुपर पॉवर बनाना चाहता है, लेकिन चीन की कम्युनिस्ट सरकार सुपर पॉवर बनने के रास्ते में भारत को एक बड़ा रोड़ा मानती है। तो चलिए जानते हैं इन इलाकों के बारे में जहां चीन और भारत के बीच सीमा विवाद है...
अक्साई चिन
भारत-चीन के बीच अक्साई चिन को लेकर 1962 के बाद से विवाद चल रहा है। 1962 के युद्द में चीन ने भारत के अक्साई चिन पर कब्जा कर लिया था। तब से ही दोनों देशों के बीच यहां सीमा विवाद बना हुआ है।
डोकलाम
भारत-चीन के बीच डोकलाम क्षेत्र में साल 2017 से विवाद की स्थिति बनी हुई है। ये सीमा विवाद करीब 73 दिनों तक चला था। डोकलाम वाला क्षेत्र भारत चीन और भूटान के बॉर्डर पर स्थित है। चीन ने 2017 में जब इस इलाके में सड़क बनाने की कोशिश की तब भारतीय सेना ने इसका जमकर विरोध किया था। इस दौरान दोनों सेना आमने-सामने आ गई थीं।
पैगोंग त्सो झील
भारत-चीन के बीच ये विवादित झील 14 हजार फुट की ऊंचाई पर है। इस झील का 45 किलोमीटर क्षेत्र भारत में जबकि 90 किलोमीटर क्षेत्र चीन के हिस्से में आता है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) इस झील से होकर गुजरती है। कई बार भारतीय और चीनी सैनिक इस झील में भी आमने-सामने आ चुके हैं। 1962 की लड़ाई में चीन ने इसी झील के जरिए सबसे भीषण हमला किया था।
तवांग
चीन भारत के अरुणाचल प्रदेश के तवांग को अपना हिस्सा बताता है। चीन का कहना है कि यह क्षेत्र दक्षिणी तिब्बत का भाग है। 1962 के युद्ध में चीनी सेना तवांग तक पहुंच गई थी। बता दें कि तवांग बौद्ध धर्म के पवित्र स्थलों में से एक है।
अरुणाचल प्रदेश
चीन अरुणाचल प्रदेश के तवांग सहित कई इलाकों पर अपना दावा करता है। चीन इसे दक्षिणी तिब्बत का एक हिस्सा बताता है। वह दोनों देशों के बीच की मैकमोहन लाइन को भी मानने से इनकार करता रहा है। चीन का कहना है कि साल 1914 में तिब्बत के प्रतिनिधियों और ब्रिटिश भारत के बीच हुए समझौते में वह शामिल नहीं था और तिब्बत इस समय चीन का हिस्सा है इसलिए उसके किए गए किसी भी समझौते का महत्व नहीं है।
गालवन घाटी
यह घाटी लद्दाख और अक्साई चिन के बीच LAC पर स्थित है। यह घाटी चीन के शिंजियांग प्रांत के दक्षिणी हिस्से से लेकर भारत के लद्दाख तक फैली हुई है। हाल के दिनों में चीन ने इसी इलाके में अपने सैनिकों के तादाद को बढ़ाया है। इस क्षेत्र में भारत सामरिक रूप से महत्वपूर्ण एक सड़क का निर्माण कर रहा है लेकिन चीन इसे रोकने के लिए हर संभव कोशिश में जुटा है।
Created On :   24 May 2020 12:43 PM IST