बीएलए कराची आत्मघाती हमले के जरिए अपने आतंकवाद को फिर से कर रहा परिभाषित
- आत्मघाती हमलावर ने कम से कम 3 किलो विस्फोटक अपने साथ ले गई
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने मंगलवार को कराची विश्वविद्यालय में चीनी नागरिकों को निशाना बनाकर हमला करने का दावा किया था। इस आतंकी संगठन ने पहली बार हमले को अंजाम देने के लिए एक महिला आत्मघाती हमलावर का इस्तेमाल किया। बीएलए ने एक महिला आत्मघाती हमलावर का इस्तेमाल कर आतंकवाद की एक खतरनाक परिभाषा फिर से गढ़ने की मिसाल कायम की है। महिला आत्मघाती हमलावरों का इस्तेमाल पहले दूसरे आतंकवादी संगठनों के कारनामों में देखा जाता था।
शरण बलूच उर्फ शैरी बलूच नाम की महिला आत्मघाती हमलावर ने कम से कम 3 किलो विस्फोटक अपने साथ ले गई और खुद को उड़ा लिया। कम से कम तीन चीनी नागरिकों को ले जा रहा वाहन कराची विश्वविद्यालय के परिसर के अंदर स्थित कन्फ्यूशियस संस्थान के गेट के पास जैसे ही पहुंचा, विस्फोट हो गया। इस घटना में कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर हुआंग गुइपिंग, कन्फ्यूशियस संस्थान के दो संकाय सदस्य डिंग मुफांग और चेन साई और वैन के चालक की मौत हो गई। चालक पाकिस्तानी नागरिक था।
शैरी बलूच बीएलए मजीद ब्रिगेड की पहली सहयोगी थी, जिसने आत्मघाती हमले को अंजाम दिया। इससे संगठन द्वारा बनाई जा रही नई रणनीति का खुलासा हुआ। इससे यह भी पता चलता है कि बीएलए ने अब वैसा ही खतरनाक काम करना शुरू कर दिया है, जो नाइजीरिया में बोको हराम, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवेंट (आईएसआईएल) या इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस), अफगानिस्तान में अफगान तालिबान और पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) सहित अन्य वैश्विक आतंकवादी संगठन किया करते हैं।
बलूच आतंकवाद पर कई वर्षो से करीब से नजर रख रहीं पत्रकार किया बलूच ने कहा, यह बलूचिस्तान में पांचवां विद्रोह है और इस समय चल रहा सबसे लंबा विद्रोह 2000 की शुरुआत में शुरू हुआ था। यह पहली बार है कि बीएलए ने कराची में चीनी नागरिकों पर हमला करने के लिए एक महिला आत्मघाती हमलावर का इस्तेमाल किया है। किया का मानना है कि बीएलए द्वारा महिला आत्मघाती हमलावर के इस्तेमाल के कई कारण हो सकते हैं। अलगाववादियों से संबंध रखने के संदेह में बलूच कार्यकर्ताओं के खिलाफ तीव्र कार्रवाई, कई कारणों में से एक हो सकता है।
किया ने कहा, अलगाववादियों से संबंध रखने के संदेह में बलूच कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। माना जाता है किअमूमन महिलाओं पर कम संदेह किया जाता है, इसलिए ये आसानी से अपने निशाने तक पहुंच सकती हैं। उन्होंने कहा, कराची में आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाली महिला बुर्का पहने हुई थी। बुर्का ने विस्फोटकों को छिपाने में मदद की। बलूच आंदोलन में यह चौंकाने वाली, लेकिन नई रणनीति है।
एक महिला आत्मघाती हमलावर को तैनात करने का एक अन्य कारण यह है कि बलूच सशस्त्र पुरुषों द्वारा किए गए पिछले आत्मघाती हमले लक्षित परिणाम देने में विफल रहे हैं। 2018 में बीएलए ने कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमले की जिम्मेदारी ली थी। हमले में चीनी अधिकारियों पर निशाना बनाया जाना था, जिसे पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया था। बीएलए ने 2019 में ग्वादर के पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल में एक और हमले का दावा किया था। हमला ग्वादर बंदरगाह पर काम कर रहे चीनी इंजीनियरों पर किया गया था, लेकिन सुरक्षा बलों की त्वरित प्रतिक्रिया के कारण यह विफल हो गया था।
साल 2020 में बीएलए ने कराची में पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (पीएसई) पर एक बड़े हमले का दावा किया था, लेकिन हमलावर इमारत में घुसने में नाकाम रहे और परिसर के गेट पर ही उन्हें मार गिराया गया। हालांकि, कराची विश्वविद्यालय में मौजूदा हमले का वांछित परिणाम मिला और इसे एक सफल हमले के रूप में देखा जा रहा है और चूंकि कराची में एक महिला हमलावर द्वारा किया गया आत्मघाती हमला अपने लक्ष्य को भेदने में सफल रहा, इसलिए यह आशंका है कि यह उसी रणनीति का पालन करने के लिए और अधिक महिलाओं को आकर्षित करेगा व भविष्य में और अधिक आतंकी हमलों के लिए खुद को पेश करेगा। बीएलए द्वारा एक महिला आत्मघाती हमलावर का इस्तेमाल न केवल समूह द्वारा उग्रवाद की रणनीति और युद्ध योजना की पुनर्परिभाषा है, बल्कि यह पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती की शुरुआत भी लगती है।
(आईएएनएस)
Created On :   27 April 2022 6:30 PM IST