मंगोलियाई और तिब्बती स्कूल:चीन के अल्पसंख्यक अधिकारों का उद्गम स्थल

मंगोलियाई और तिब्बती स्कूल:चीन के अल्पसंख्यक अधिकारों का उद्गम स्थल

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। चीनी राष्ट्रीय मंगोलियाई और तिब्बती स्कूल के पूर्व स्थल ली दाचाओ, चाओ शीयेन और डेंग चुंगश्या जैसे चीन में प्रसिद्ध क्रांतिकारी अग्रदूतों की क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में यह स्कूल चीन के अल्पसंख्यक अधिकारों का उद्गम स्थल बना। जिसने सीपीसी के नेतृत्व में नव लोकतांत्रिक क्रांति की जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

मंगोलियाई और तिब्बती स्कूल एक राष्ट्रीय प्रमुख सांस्कृतिक अवशेष संरक्षण स्थल है और चीन के केंद्रीय जातीय विश्वविद्यालय से संबद्ध मिडिल स्कूल का पूर्ववर्ती है। इसका पूर्व स्थल पेइचिंग में सीपीसी की प्रारंभिक क्रांतिकारी गतिविधियों की 31 पूर्व साइटों का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां सीपीसी के इतिहास में अल्पसंख्यक सदस्यों से बनी पहली पार्टी शाखा का जन्म हुआ।

इस प्रकार जातीय अल्पसंख्यकों के बीच मार्क्सवाद का प्रसार शुरू हुआ। इस स्कूल ने प्रगतिशील युवाओं को तैयार करने, क्रांतिकारी आग फैलाने और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

हाल ही में स्कूल की पूर्व साइट में नौ भवनों और कई अनुभव क्षेत्रों की स्थापना की गयी। उनमें आयोजित "चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के जातीय कार्यों के गौरवशाली इतिहास और महान उपलब्धियों की थीम प्रदर्शनी" और "मंगोलियाई और तिब्बती स्कूलों की पूर्व साइट की थीम प्रदर्शनी" में इतिहास और वर्तमान को जोड़ने के लिए चित्रों, ग्रंथों, प्रक्षेपणों, प्रदर्शनों और अन्य रूपों का इस्तेमाल कर प्रत्येक आगंतुक को राष्ट्रीय एकता की कहानी बतायी जाती है।

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Created On :   29 Jun 2023 12:22 PM GMT

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