टैरिफ के बाद अमेरिका की एक और आपत्ति!: अब रूस से भारत के हथियार खरीदे के बदले दिया ऑप्शन, BRICS को लेकर भी उठाए सवाल

अब रूस से भारत के हथियार खरीदे के बदले दिया ऑप्शन, BRICS को लेकर भी उठाए सवाल
  • अमेरिका के टैरिफ लगाने पर बवाल जारी
  • रूस से भारत के हथियार खरीदी पर जताई आपत्ति
  • BRICS में सदस्यता को लेकर भी उठाए सवाल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ लगाने लागू करने के तेवर से भारत के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। इसके बाद अब रूस का फैसला भारत की मुश्किलों को और बढ़ा सकता है। दरअसल, अमेरिका की आपत्ति से भारत को हथियार बेचने से रोक सकता है। इस संबंध में अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने जानकारी साझा की है। उनका कहना है कि भारत को रूसी हथियारों पर अपनी निर्भरता समाप्त करनी चाहिए। ऐसा करने से भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे।

अमेरिका ने हथियारों की खरीदी पर जताई आपत्ति

बता दें, इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में हॉवर्ड लटनिक ने भारत-अमेरिका संबंधों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बात का फिर से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सामानों पर सर्वाधिक टैरिफ लगाने वाले देशों की गिनती में भारत शामिल हैं। हॉवर्ड लटनिक ने कहा कि भारत ने रूस से ज्यादा मात्रा में सैन्य उपकरण खरीदे हैं। इसे खत्म करने की आवश्यकता है। बता दें, भारत रूस से काफी समय से पेट्रोलियम समेत हथियार खरीदते आ रहा है।

इस दौरान हॉवर्ड लटनिक ने कहा कि यदि भारत रूस से हथियारों की खरीदारी बंद करता है, तो अमेरिका मॉर्डन हथियार सप्लाई करने पर विचार कर सकता है। लिहाजा, अमेरिका चाहते है कि भारत रूस के बजाए उससे हथियार खरीदे।

ब्रिक्स की सदस्यता पर भी उठाए सवाल

इसके अलावा अमेरिकी मंत्री ने ब्रिक्स में भारत के सदस्य होने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, "भारत ब्रिक्स में शामिल है और वह एक ऐसी करेंसी बनाने की कोशिश कर रहा है, जो वैश्विक आर्थिक मुद्रा के रूप में अमेरिकी डॉलर की जगह ले सके। इन चीजों से आपसी रिश्ते मजबूत नहीं होते हैं, जो भारत को समझना चाहिए। हम चाहते हैं कि व्यापार निष्पक्ष हो।"

मालूम हो कि अमेरिका की सत्ता में आने के बाद से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप डी-डॉलराइजेशन के खिलाफ सख्त रुख अपना रहे हैं। इस क्रम में उन्होंने ब्रिक्स देशों को कड़ी चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि अगर ब्रिक्स ने वैश्विक व्यापार में मुख्य मुद्रा के रूप में अमेरिकी डॉलर को हटाने की कोशिश की तो उनके निर्यात पर 100 फीसदी शुल्क लगा दिया जाएगा।

Created On :   8 March 2025 2:47 PM

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