बड़े समझौते पर विचार जारी: पुरानी नीतियों में बदलाव, अमेरिका मिसाइल टेक्नोलॉजी और स्पेस क्षेत्र में भारत के साथ बढ़ाएगा कदम
- मिसाइल टेक्नोलॉजी और स्पेस क्षेत्र में भारत का बढ़ेगा दबदबा
- पुरानी नीतियों में बदलाव कर रहा है अमेरिका
- समझौते से चीन और पाकिस्तान को लगा झटका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मिसाइल टेक्नोलॉजी और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। जिसके चलते अमेरिका ने भी भारत के लिए अपने पुराने कानून में बदलाव किया है। अमेरिकी प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक, व्हाइट हाउस की प्रिंसिपल डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जॉन फाइनर ने ये घोषणा की है कि अमेरिका अपनी मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोव रेजीम (MTCR) के तहत निर्यात नियंत्रण नीतियों में बदलाव कर रहा है।
भारत की बढ़ेगी ताकत
अमेरिकी कानून में इस बदलाव से भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष और मिसाइल क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना है। बता दें कि, TCR एक समझौता होता है। जिसे 1986 में मिसाइल और उनकी तकनीकों के प्रसार को रोकने के लिए बनाया गया था। साल 2016 में भारत इस समझौते का सदस्य बना था। हालांकि, एमटीसीआर की कुछ सीमाओं की वजह से भारतीय और अमेरिकी कंपनियों के बीच समझौता हो रही है। लेकिन अब अमेरिका ने सारी बाधाओं को दूर कर दिया है। जिसके चलते अब भारत और अमेरिका की कंपनियां एक साथ मिलकर काम कर सकेगी।
MTCR के नियमों में बदलाव से दोनों देश एक-दूसरे के साथ क्रिटिकल तकनीक का भी लेन-देन कर सकेंगे। बता दें कि, भारत का मंगलयान और चंद्रयान जैसे अंतरिक्ष मिशन ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने भी भारत की सफलताओं की तारीफ की है। ऐसे में अब अमेरिका ने भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए आगे कदम बढ़ाया है। जिससे दोनों देश अंतरिक्ष के क्षेत्र में नई ऊंचाईओं को हासिल कर सके।
चीन और पाकिस्तान को लगा झटका
MTCR के नियमों में बदलाव करने से पाकिस्तान और चीन को बड़ा झटका लगा है। जहां पाकिस्तान को अमेरिका से सैन्य सहयोग में कटौती का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर चीन को भी इस साझेदारी से झटका लगा है।
Created On :   22 Dec 2024 4:46 PM IST