पाकिस्तान आम चुनाव: चुनाव से पहले रंग बदल रहे हैं बिलावल भुट्टो, क्या इमरान खान की पार्टी से होगा गठबंधन? निर्दलियों की जीत से होगा फैसला!

चुनाव से पहले रंग बदल रहे हैं बिलावल भुट्टो, क्या इमरान खान की पार्टी से होगा गठबंधन? निर्दलियों की जीत से होगा फैसला!
  • पाकिस्तान में 8 फरवरी को होंगे आम चुनाव
  • बिलावल भुट्टों की बढ़ रही इमरान की पार्टी से नजदीकियां
  • क्या निर्दलीय बनेंगे किंगमेकर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव होने जा रहे हैं। मुल्क में चुनाव प्रचार 6 फरवरी को खत्म हो गए थे। ऐसे में बीते कई दिनों से पाकिस्तान के कई राजनीतिक दलों ने जगह-जगह रैलियां और जनसभाएं संबोधित भी की थीं। इस बार के आम चुनाव में पाकिस्तान की 167 राजनीतिक पार्टियों ने भाग लिया है। इसके अलावा 17,500 निर्दलीय भी पहली बार चुनावी संग्राम में उतरने जा रहे हैं। मुल्क में अवाम पर महंगाई की मार, आतंकी हमलों का साया और अनाज, पानी की तंगी जैसे हालातों के बीच पाकिस्तान में चुनाव होने जा रहा है।

इमरान की पार्टी का चुनाव चिन्ह रद्द

मुस्लिम बहुल देश में इस साल का चुनाव कई मायनों में काफी अलग भी है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल की सलाखों के पीछे हैं। ऐसे में इस बार उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कई प्रत्याशी देश के अलग अलग प्रांतों से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। इसके पीछे का कारण है पीटीआई के चुनाव चिन्ह का रद्द हो जाना। ऐसे में मुल्क की तीन सबसे प्रमुख पार्टियों में से एक पीटीआई के पीछे हो जाने से चुनाव मैदान में यह दो पार्टियां ही टक्कर लेती हुई दिखाई देंगी। यानी कि नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग - नवाज (पीएमएल-एन) और बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ही एक दूसरे से मुल्क की सत्ता में आने के लिए लड़ेंगी।

राजनीतिक विश्लेषकों ने कही ये बात

पाकिस्तान में एक तरफ जहां नवाज शरिफ और उनकी पार्टी के तमाम नेता आम चुनाव में जीत पर विश्वास जता रही हैं। तो वहीं, दूसरी ओर मुल्क के राजनीतिक विश्लेषक इमरान खान की पार्टी के निर्दलीय प्रत्याशियों को मजबूत दावेदार के रूप में देख रही हैं। दरअसल, उन्हें ऐसा लगता है कि आम चुनाव लड़ने उतर रहे साढ़े 17 हजार प्रत्याशियों के बीच पीटीआई पार्टी के निर्दलीय प्रत्याशी 'किंग मेकर' के रूप में उभर सकते हैं। वहीं, कयास भी लगाए जा रहे हैं कि चुनाव में जो भी निर्दलीय फतेह हासिल करेंगे। वह मुल्क की सत्ता में काबिज भी हो सकेंगे या सत्ता की तकदीर तय करेंगे।

निर्दलियों का इन सीटों पर दबदबा

अमूमन किसी भी देश के चुनावों में एक बात बड़ी ही आम होती है कि वहां जो भी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां होती हैं, वे ज्यादातर सीटों पर जीत हासिल करती हैं। वहीं, पाकिस्तान में इमरान की पार्टी के नेता अब निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में चुनाव के लिहाज से मुल्क की 40 से 50 सीटों पर उनका दबदबा बढ़ सकता है। यदि इन सभी सीटों पर निर्दलीय जीत जाते हैं, तो वह सीधे तौर पर इमरान की पार्टी के खाते में आ जाएंगी। पाकिस्तान में चल रहे सियासी हालातों के मद्देनजर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो ने चुनाव में जीत की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। जिसके चलते पाकिस्तान के आम चुनाव में बाजी पलट सकती है।

बिलावल भुट्टो का मुस्लिम लीग पर हमला

पाकिस्तान में आम चुनाव के बीच वहां की सियासी गलियारों में भी काफी हलचल देखने को मिल रही है। बिलावल भुट्टो लगातार मुस्लिम लीग नवाज पर निशाना साध रहे हैं। नवाज शरीफ का पाकिस्तान का फिर से पीएम बनने पर बिलाव भुट्टो ने साफ इनकार किया है। दरअसल, आगामी चुनाव के मद्देनज उनकी पार्टी पीपीपी ने पीएमएल-एन से गठबंधन करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। उन्होंने मुल्क में सरकार बनाने के बाद राजनीतिक पार्टी के बंधकों की जेल से रिहाई का जिक्र किया है। इस दौरान, उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई के संकेत भी दिए हैं। बिलावल भुट्टो के बयानों से ऐसा लग रहा है कि वह पीटीआई से अपनी नजदीकियां बढ़ाना चाहते हैं। दरअसल, आज से पौने दो साल पहले पाकिस्तान में 13 पार्टियों ने गठबंधन करके मुल्क की सत्ता पर काबिज हुई थी। उस दौरान, गठबंधन सरकार में नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री और बिलावल भुट्टो विदेश मंत्री के पद पर थे। मगर, बिलावाल भुट्टो ने पाकिस्तान की महागठबंधन सरकार से पाला बदल लिया है।

Created On :   7 Feb 2024 8:04 PM IST

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