इजराइल में भारत: येरुशलम में सौ साल से रह रहा भारतीय परिवार, इजरायल जाने वाले हर भारतीय से कहता है 'मिनी इंडिया में आपका स्वागत है...'
- इजराइल में बसता है भारत
- भारतीय मूल के लोग बड़ी संख्या में करते हैं निवास
डिजिटल डेस्क, येरुशलम। इजराइल-हमास में भयानक तरीके से युद्ध जारी है। इस जंग में इजराइल के अब तक 15 सैनिकों की मौत हो चुकी है। जिनमें से एक भारतीय मूल के सैनिक भी शामिल है। जिसकी पहचान स्टाफ-सार्जेंट हेलल सोलोमन के रूप में हुई है। इसकी उम्र 20 वर्ष बताई जा रही है। टाइम्स ऑफ इजराइल अखबार के मुताबिक, इजराइली डिफेंस फोर्स का कहना है कि, दक्षिणी इजराइली शहर डिमोना के रहने वाले हेलल सोलोमन की मौत, जंग के दौरान गई है। बुधवार यानी 1 नवंबर को हमास ने एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल द्वारा नामर बख्तरबंद पर हमला किया जिसके चपेट में भारतीय मूल के सैनिक आया और उसकी मौत मौके पर ही हो गई।
इस पूरे मामले पर पीटीआई से डिमोना में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों ने सोलोमन को लेकर कहा कि, बहुत ही अच्छा लड़का था जिसका भविष्य उज्जवल था। इसके अलावा भारतीय मूल के लोगों ने उन सभी भारतीय लोगों को याद किया जो इजराइल के अस्तिव के लिए लड़ाई रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम पर इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का भी बयान सामने आया है। उन्होंने इस संघर्ष को दर्दनाक नुकसान बताते हुए हमास को जड़ से खत्म करने की बात कही है।
डिमोना में मिनी इंडिया
दक्षिणी इजराइल के नेगेव डिजर्ट में डिमोना शहर स्थित है। जिसे मिनी इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। इस शहर का नाम लिटिल इंडिया पड़ने का कारण भारत से यहूदी समुदाय का बसना है। इजराइल में स्थित मृत सागर से करीब 35 किमी. पश्चिम में ये स्थित है। इसकी स्थापना साल 1950 में इजराइल के तत्कालीन पीएम डेविड बेन-गुरियन ने की थी। साल 2021 के आंकड़ो के मुताबिक, डिमोना की आबादी हजारों में हैं। जिनमें से 8000 के करीब भारतीय मूल के लोग हैं। साल 1948 में जब इजराइल अस्तिव में आया तब भारत से तकरीबन 50 हजार यहूदी जाकर बस गए थे। यह पलायन 950 और 1960 के बीच में हुआ था। अभी भारत में करीब 5 हजार यहूदी समुदाय के लोग रहते हैं।
'येरुशलम के अंदर भारत में आपका स्वागत'
डिमोना के अलावा येरुशलम में भी एक छोटा सा भारत बसा है। खलीज टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, येरुशलम के पुराने शहर के अंदर मुस्लिम बहुल इलाकों में एक मिनी भारत छिपा है। यह करीब 7 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में बसा हुआ है। इस क्षेत्र में किसी प्रकार की कोई अशांति नहीं है। सभी लोग मिल जुलकर रहते हैं। यहां इंडियन हॉस्पिस नाम का एक हरा गेस्टहाउस है जो करीब 800 साल पुराना है। जिसकी देख रेख नजीर हुसैन अंसारी करते हैं। इनके दादा करीब 100 साल पहले 1924 में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से यहां आकर बसे थे। मौजूदा समय में उनकी चौथी पीढ़ी रह रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब भी कोई भारतीय यहां आता है को वो उनका जोरदार तरीके से स्वागत करते हैं और कहते हैं कि 'येरुशलम के अंदर भारत में आपका स्वागत है।'
येरुशलम में 100 साल से रह रहा है अंसारी परिवार
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजराइल में भारत से सूफी संत बाबा फरीद वर्ष 1200 में यहूदियों के पवित्र स्थल येरुशलम गए थे और वहां 40 दिनों तक एक गुफा में ध्यान लगाया था। तब से ही भारत से मक्का आने या जाने वाले मुस्लिम तीर्थयात्री यहीं रुकते हैं और प्रार्थना करते हैं। 100 साल से येरुशलम में रह रहे अंसारी परिवार का कहना है कि मेरे दादा जी 1924 में भारत से आए थे। उन्हें यहां पर भारतीय धर्मशाला के निदेशक और ट्रस्टी के रूप में जिम्मेदारी मिली थी। जिसका आज भी हम निर्वाहन कर रहे हैं।
Created On :   2 Nov 2023 2:38 PM IST