रूस को बरबाद करने के लिए अमेरिका ने सौंपा सबसे खतरनाक क्लस्टर बम! यूक्रेन ने किया इस्तेमाल तो होगी इतनी तबाही
- 17 महीनों से रूस-यूक्रेन में खूनी झंडप
- अमेरिका यूक्रेन को देगा 'क्लस्टर बम'
डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। रूस-यूक्रेन में करीब 17 महीनों से जंग जारी है। दोनों देश एक दूसरे पर ड्रोन और हवाई वेपन से हमला कर युद्ध जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। लेकिन अभी तक किसी को सफलता नहीं मिली है। इसी बीच एक खबर सामने आई है कि अमेरिका यूक्रेन को भयानक बम 'क्लस्टर' मुहैया कराने जा रहा है। संयुक्त राज्य का यह फैसला उन देशों को सकते में डाल दिया है जिनके यहां यह बम पूरी तरह बैन है। साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध में अमेरिका का साथ देने वाले देश यूके, कनाडा, न्यूजीलैंड और स्पेन जैसे देशों ने इस हथियार को इस्तेमाल करने को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। इन सभी देशों ने एक सुर में कहा है कि, अगर रूस-यूक्रेन युद्ध में क्लस्टर बम का उपयोग होता है तो तबाही के मंजर देखने को मिल सकता है और इसकी सबसे ज्यादा मार मासूम बच्चों पर पड़ सकती है।
रूस और यूक्रेन में एक साल से खूनी संघर्ष जारी है। जिस पर पूरी दुनिया दो धड़ों में बंट चुकी है। एक वो धड़ा है जो खुल तौर पर यूक्रेन को सपोर्ट कर रहा है जबकि दूसरा गुट जो रूस का समर्थन कर रहा है। अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा है। जिसको लेकर वो रूस से युद्ध करने के लिए यूक्रेन को समय -समय पर हथियार मुहैया करता रहा है। एक बार फिर अमेरिका खतरनाक 'क्लस्टर बम' देने जा रहा है। जिससे रूस में काफी भयावह स्थिति हो सकती है।
कितना खतरनाक है क्लस्टर बम?
'क्लस्टर' बम इतना खतरनाक है कि 100 से अधिक देशों ने इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है यानी इस बम का इस्तेमाल किसी तरह से नहीं किया जा सकता है। लेकिन अमेरिका ने यही 'क्लस्टर' बम यूक्रेन को सुपुर्द किया है। जिसके बाद माना जा रहा है कि युद्ध काफी खतरनाक रूप ले सकता है। 'क्लस्टर' बम विस्फोट होने के बाद छोटे-छोटे बम रिलीज करता है, जो जगह-जगह विस्फोट करते हैं। इसके बारे में कहा जाता है कि एक बार मिसाइल से बम निकलने के बाद इस पर नियंत्रण कर पाना नामुमकिन है जिसकी वजह से और तबाही होती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'क्लस्टर' बम का डेथ रेट काफी हाई है। इसके बारे में कहा जाता है कि मिसाइल से निकलने के बाद कई बम फटते नहीं है और कुछ सालों के बाद जाकर विस्फोट होते हैं। जिसकी वजह से और खतरा उत्पन्न हो जाता है।
80 करोड़ डॉलर में 'क्लस्टर' डील
'क्लस्टर' बम यूक्रेन को देने के लिए खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एलान किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाइडेन और यूक्रेन के बीच 'क्लस्टर' बम को लेकर 80 करोड़ डॉलर में डील हुई है। बाइडेन का कहना है कि, यूक्रेन में हथियार की कमी है जिसकी वजह से रूस यूक्रेन पर भारी पड़ता जा रहा है। इसलिए अपने सहयोगियों के चिंता करने के बावजूद अमेरिका ने यह फैसला लिया है। 'क्लस्टर' बम हमेशा से विवादों में रहा है क्योंकि इस हथियार की वजह से युद्ध में सबसे ज्यादा बच्चों की मौत हुई है।
यूक्रेन को 'क्लस्टर' बम की जरूरत
जानकार बताते हैं कि, इस बम का इस्तेमाल जिस जगह पर होती है वह स्थान रहने लायक नहीं बचता है क्योंकि इसका प्रभाव लंबे समय तक रहता है। कब विस्फोट हो जाए किसी को पता नहीं चलता। 'क्लस्टर' का विरोध दुनिया भर के मानवाधिकार से जुड़े संस्था करते रहे हैं। यूक्रेन को दिए जाने वाले क्लस्टर' बम को लेकर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का कहना है कि, रूस जिस तरह का बम और मिसाइल यूक्रेन के लिए कर रहा है उससे कम ही खतरनाक ये हथियार है। रूस को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए यूक्रेन को 'क्लस्टर' बम की खास जरूरत है।
Created On :   10 July 2023 3:56 PM IST