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पीएम नरेंद्र मोदी समेत सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के बारे में भ्रामक खबर फैलाने वाले यूट्यूब चैनलों को पीआईबी ने किया एक्सपोज, बताई सच्चाई
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारत सरकार की एजेंसी पीआईबी ने सोशल मीडिया पर गलत खबरें प्रसारित करने वाले यूट्यूब चैनलों की पोल खोली है। पीआईबी के मुताबिक यह चैनल पीएम मोदी समेत सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग और अन्य नेताओं को लेकर फर्जी खबर प्रसारित कर रहे हैं। पीआईबी की तरफ से कई स्क्रीनशॉट शेयर कर चैनल का पर्दाफाश किया गया है।
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 20, 2022
न्यूज हेडलाइन्स नाम के इस यूट्यूब चैनल के 10 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं और इस पर अब तक 32 के करीब व्यूज आ चुके हैं।
पीआईबी की तरफ से 8 स्क्रीनशॉट का एक पोस्ट शेयर किया गया है। इन स्क्रीनशॉट्स में देश के प्रमुख मुद्दों को लेकर झूठी जानकारी लोगों को दी जा रही थी।
पीआईबी ने किया फैक्ट चैक
पीआईबी ने चैनल के अलग-अलग वीडियो का फैक्ट चैक कर इनकी सच्चाई लोगों के सामने लाई। जैसे की 9 महीने पहले चैनल पर अपलोड किए गए एक वीडियो में दावा किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आदेशानुसार चुनाव बैलट पेपर से होंगे। पीआईबी ने इस वीडियो के बारे में सही जानकारी देते हुए ट्वीट कर कहा, न्यूज हेडलाइन के एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि मुख्य न्यायाधीश के आदेशानुसार चुनाव बैलट पेपर से होंगे। यह दावा पूरी तरह फर्जी है। बैलट पेपर से चुनाव करवाने को लेकर ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है।
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 20, 2022
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 20, 2022
चैनल के एक और वीडियो में दावा किया गया था कि यूपी की 131 विधानसभा सीटों पर दोबारा चुनाव होंगे। पीआईबी ने इस दावे को भी फर्जी बताया है। इसके अलावा एक अन्य वीडियो में दावा किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने पीएम मोदी के खिलाफ सख्त कारवाई करते हुए उन्हें दोषी घोषित किया है।
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 20, 2022
इसके अलावा पीआईबी ने एक और यूट्यूब चैनल का जिक्र किया है जिसमें बड़ी हस्तियों की मौत को लेकर फर्जी खबरें प्रसारित की जाती हैं। एजेंसी ने ट्वीट कर इसके बारे में जानकारी दी है। अपने ट्वीट में पीआईबी ने बताया कि, यूट्यूब चैनल "आज तक LIVE" गलत खबरों का एक और अड्डा है। 65,000 से अधिक सब्सक्राइबर्स के साथ ये चैनल विभिन्न व्यक्तियों की मृत्यु के बारे में झूठे दावे और सरकारी निर्णयों के बारे में गलत सूचना फैलाता है।
Created On :   22 Dec 2022 4:58 PM IST