क्या है वेस्टीबुलर हायपोफंक्शन बीमारी? जिससे जूझ रहे अभिनेता वरुण धवन, बोले-मैं खुद का बैलेंस खो चुका हूं...
डिजिटल डेस्क मुंबई। अपने मस्तमौला अंदाज और बेहतरीन अदाकारी से अपनी अलग पहचान बनाने वाले बॉलीवुड अभिनेता वरुण धवन अपनी अपकमिंग फिल्म भेड़िया को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। इस फिल्म के ट्रेलर ने वरुण के फैंस को पहले ही चौंका दिया है। फिल्म के ट्रेलर को देखकर सभी फैंस फिल्म के आने का बेसब्री से इंतजार है। वरुण की यह मचअवेटेड फिल्म 25 दिसंबर को रिलीज होने जा रही है। वरुण अपनी हर फिल्म में काफी एक्टीव और उछल कूद करते नजर आते हैं। वहीं अब वरुण से जुड़ी एक हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है। वरुण इन दिनों फिल्म भेड़िया के प्रमोशन में लगें हुए हैं। हाल ही में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में एक्टर ने अपने रोल के साथ कुछ पर्सनल लाइफ की चीजें भी शेयर कीं। वरुण ने बताया की वे वेस्टीबुलर हायपोफंक्शन नाम की एक बीमारी से जुझ रहे हैं। अब सभी के मन में ये सवाल उठ रहा है कि इतने फिट दिखने वाले वरुण को ये बीमारी कैसे हुई? आखिर क्या है वेस्टीबुलर हायपोफंक्शन बीमारी?
खुद को किया प्रेशराइज
वरुण धवन ने बताया कि वह वेस्टीबुलर हायपोफंक्शन की समस्या से जूझ चुके हैं। इस बीमारी में एक व्यक्ति अपनी बॉडी का बैलेंस खो बैठता है। पेंडेमिक के बाद जब चीजें धीरे-धीरे खुलनी शुरू हुईं, तो वरुण धवन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्हें खुद को प्रेशराइज करके काम के प्रति आगे धकेलना पड़ा न चाहते हुए भी वरुण धवन को काम से ब्रेक लेना पड़ा था। जब वरुण धवन को अपनी इस बीमारी के बारे में पता चला तो वह काफी दुखी हो गए थे। खुद को आगे बढ़ाना उनके लिए काफी चैलेंजिंग रहा। कोविड-19 के बाद जब वरुण धवन ने काम पर वापसी करनी चाही, तो उनके सामने कई चुनौतियां आईं। वरुण धवन ने कहा कि जब हम घर के दरवाजे खोलते हैं, तो क्या आपको नहीं लगता कि हम उसे रैट रेस में शामिल होने जा रहे हैं जो घर के बाहर चल रही है। यहां बैठे कितने लोग यह बात कह सकते हैं कि वह बदले हैं। मैं देखता हूं कि लोग पहले से ज्यादा मेहनत करके काम करने लगे हैं। मैंने खुद को फिल्म "जुग जुग जियो" के लिए इतना प्रेशराइज किया कि मुझे महसूस होने लगा कि मैं किसी इलेक्शन में तो भाग नहीं ले रहा हूं। मैं नहीं जानता कि मैंने खुद को इतना स्ट्रेस और प्रेशर में क्यों डाला, लेकिन मैंने किया। वरुण धवन ने आगे कहा कि कुछ दिनों पहले ही मैंने यह बात अपना ली कि मुझे वेस्टीबुलर हायपोफंक्शन की बीमारी है। मैं नहीं जानता कि मुझे क्या हुआ, लेकिन मैंने सोचा कि बैलेंस जरूरी है लाइफ में। पर मेरा तो यही बैलेंस बिगड़ गया है। मैंने खुद को पुश करना शुरू कर दिया।
क्या है वेस्टीबुलर हायपोफंक्शन बीमारी?
वेस्टीबुलर हायपोफंक्शन कान के अंदर का बैलेंस सिस्टम होता है जो ठीक तरह से काम नहीं कर पाता है। कान के अंदर वेस्टीबुलर सिस्टम होता है जो आंख के साथ काम करता है और मसल्स को बैलेंस करने की कोशिश करता है। जब यह ठीक तरह से काम नहीं करता है, तो कान से सुनाई देने वाली चीजें दिमाग तक ठीक तरह से पहुंच नहीं पाती हैं। ऐसे में व्यक्ति को चक्कर जैसे आने लगते हैं। शुरूआती 1-2 दिनो मे चक्कर एंव जी घबराने के लक्षण अधिक तीव्र होते है। रोगी अक्सर तीन सप्ताह के बाद सामान्य हो जाते है। परंतु कुछ रोगियो मे कुछ तेज गति से सिर हिलाने पर अंसतुलन और उल्टी आने के लक्षण महीनो तक प्रभावी रहते हैं।
Created On :   5 Nov 2022 2:57 PM IST