अदा शर्मा की फिल्म 'द केरल स्टोरी' का ट्रेलर कर देगा आपके रोंगटे खड़े, गायब हुई 32 हजार महिलाओं की सच्ची कहानी पर आधारित है फिल्म
डिजिटल डेस्क, मुंबई। 'द कश्मीर फाइल्स' के बाद अब देश में हिंदुओं के साथ हुए अत्याचार की कहानी बताने वाली फिल्म "द केरल स्टोरी" का ट्रेलर रिलीज हो गया है। बीते साल फिल्म का टीजर रिलीज किया गया था। जिसके बाद फिल्म विवादों में घिर गई थी। कई लोगों ने फिल्म का समर्थन किया था तो वहीं कुछ लोगों का कहना था कि इस फिल्म में केरल को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन एक साल बाद अब फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया है। जिसमें केरल में हुए धर्मांतरण और 32 हजार महिलाओं के गायब होने और आतंकवाद में जबदस्ती शामिल होने की सच्ची घटना को दिखाया गया है। ट्रेलर देखकर आपके रोंगट खड़े हो जाएंगे।
ट्रेलर में क्या है खास
ट्रेलर में केरल के एक हिंदू परिवार की बेटी शालिनी उन्नीकृष्णन के फातिमा बनने के हैरान करने वाले सफर को दिखाया गया है। वहीं राज्य के आईएसआईएस कनेक्शन का पर्दाफाश करने की एक शानदार कोशिश की गई है। ट्रेलर की शुरुआत एक हंसते-खेलते परिवार के साथ शुरू होती है। जहां एक मां अपनी बेटी को हाथ से खाना खिलाती है। परिवार में खुशहाली है। बेटी घर से बाहर पढ़ने के लिए जाती हैं जहां शालिनी उन्नीकृष्णन को दूसरे धार्मिक समुदाय के लोग अपना धर्म कुबूल करवा देते हैं। शालिनी को फातिमा बनाया बना दिया जाता है उसका निकाह कराया जाता है और फिर इसके बाद उसे शादी करके दूसरे देश ले जाया जाता है। यह सिर्फ शालिनी की कहानी नहीं है, बल्कि केरल राज्य की हजारों लड़कियों की कहानी है।
आईएसआईएस कब जॉइन किया?
इसके बाद ट्रेलर में शालिनी से पूछा जाता है, 'आईएसआईएस कब जॉइन किया?' इस पर शालिनी जवाब देती है, 'आईएसआईएस कब जॉइन किया, ये जानने के लिए क्यों और कैसे जॉइन किया ये जानना ज्यादा जरूरी है।' इसके बाद वह पूरी प्लानिंग दिखाई गई है, जिसके तहत ब्रेनवॉश करके लड़कियों को इस्लाम कुबूल कराया गया था। ट्रेलर में 2006 से लेकर 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री रहे वी एस अच्यूतानंदन के एक बयान को भी सुनाया गया है जिसमें कहा गया कि अगले 20 वर्षों में केरल इस्लामिक स्टेट बन जाएगा।
सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म की कहानी
फिल्म के राइटर और डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने कहा था कि, "एक जांच के अनुसार 2009 से केरल और मैंगलोर की लगभग 32,000 लड़कियों को हिंदू और ईसाई समुदायों से इस्लाम में परिवर्तित किया गया है और उनमें से ज्यादातर लड़कियां सीरिया, अफगानिस्तान और अन्य आईएसआईएस और हक्कानी जैसी जगहों पर पहुंच गईं। इस पर अपने रिसर्च की और हमने भागी हुई लड़कियों की मांओं के आंसू देखे हैं। हमने उनमें से कुछ को अफगानिस्तान और सीरिया की जेलों में पाया। ज्यादातर लड़कियों की शादी आईएसआईएस के आतंकियों से हुई थी और उनके बच्चे भी हैं। यह महत्वपूर्ण फिल्म उन सभी मांओं के रोने की आवाज सुनने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने अपनी बेटियों को खो दिया है। फिल्म 5 मई 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी।
Created On :   26 April 2023 2:50 PM IST