तकनीकी प्रगति की वजह से पोन्नियिन सेल्वन बना : मणिरत्नम
डिजिटल डेस्क, मुंबई। इस सप्ताह सिनेमाघरों में अपनी महाकाव्य फिल्म पोन्नियिन सेल्वन: वन लाने वाले मणिरत्नम ने पहले कल्कि कृष्णमूर्ति के उपन्यास को एक बार नहीं, बल्कि दो बार फिल्म में बदलने का प्रयास किया था। पहली बार उन्होंने ये कोशिश 1990 के दशक में की, दूसरी बार, 2010 के दशक में। लेकिन फिल्म नहीं बन पाई। फिल्म निर्माता मणिरत्नम खुश हैं कि उस समय यह फिल्म नहीं बन पाई थी।
आईएएनएस के साथ बातचीत में, मणिरत्नम ने कहा, एक तरह से, मुझे खुशी है कि यह फिल्म उस समय नहीं बन पाई क्योंकि मुझे लगता है कि आज हम तकनीकी प्रगति को देखते हुए इस तरह के विषय को स्क्रीन पर संभालने के लिए कहीं अधिक तैयार हैं। यह फिल्म अब बनी है बड़े पर्दे के लिए क्योंकि इसमें एक विस्तृत सेट डिजाइन, एक्शन, वेशभूषा, फोटोग्राफी और बहुत कुछ है।
यह पूछे जाने पर कि इस कहानी को पर्दे के लिए अनुकूलित करने और इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए उनकी ²ढ़ता के पीछे का कारण क्या है, उन्होंने कहा, फिल्म की कहानी एक ऐतिहासिक कथा है और चोल काल से संबंधित है। इसे अलेक्जेंड्रे डुमास (द थ्री मस्किटर्स के फ्रांसीसी लेखक) में बहुत ही साहसिक तरीके से बताया गया है। उपन्यास में कल्कि का लेखन बहुत ज्वलंत है और इसने इस कहानी को बड़े पर्दे पर बताने के लिए मेरे ²ष्टिकोण को आकार दिया।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   26 Sept 2022 2:01 PM IST