ओटीटी ने थिएटर अभिनेताओं, लेखकों को कई अवसर दिए हैं : कुमुद मिश्रा
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डिजिटल डेस्क, जयपुर। आवा लिट फेस्टिवल अभिव्यक्ति सीजन 2 में शामिल होने के लिए जयपुर पहुंचे बॉलीवुड अभिनेता कुमुद मिश्रा ने कहा कि ओटीटी ने थिएटर अभिनेताओं और लेखकों को कई अवसर दिए हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या ओटीटी ने सिनेमा के स्थान को सीमित कर दिया है, उन्होंने कहा, यह केवल समय की बात है। आप कभी नहीं जानते कि किस क्षण में कौन से रुझान हैं लेकिन हर चीज का अपना आकर्षण और स्थान होता है।
उन्होंने आगे कहा कि, उन्हें थिएटर और मंच की खुशबू बहुत पसंद है और सामने बैठे दर्शक उन्हें काफी आकर्षित करते हैं।
उन्होंने आगे कहा, थिएटर कभी नहीं मर सकते हैं और न ही कभी मरेंगे।
यह पूछे जाने पर कि वह राष्ट्रीय सैन्य स्कूल से होने के बावजूद सेना में शामिल क्यों नहीं हुए, उन्होंने कहा, मैं हमेशा सेना में शामिल होने के लिए इच्छुक था और मुझे इसकी बहुत याद आती है। मेरे अधिकांश बैचमेट सेना में हैं। मैं उन्हें वर्दी में देखता हूं, उनके साथ बैठता हूं तो इस तरह से उनके साथ मैं उन गुम हुए पलों को फिर से बनाता हूं।
इसके बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, मैंने अपना एसएसबी क्लियर किया लेकिन अपने इंटरव्यू में थिएटर के बारे में बात की। जब साक्षात्कारकर्ताओं ने मुझसे पूछा कि मैं अभी भी सेना में क्यों जाना चाहता हूं, जब मैं थिएटर की दुनिया के लिए इतना उत्सुक हूं, तो मैंने जवाब दिया कि मैं यहां हूं क्योंकि मैं अपने माता-पिता को परेशान नहीं करना चाहता।
हालांकि, अब मैं आर्मी के किरदार कर रहा हूं, उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि वह अपने नाटक धूमरापन के साथ जयपुर वापस आएंगे।
मिश्रा ने नासिर भाई (नसीरुद्दीन शाह), आलोक चटर्जी को अपनी प्रेरणा बताया।
बॉलीवुड बहिष्कार की प्रवृत्ति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, अगर अच्छी फिल्में होंगी, तो लोग आएंगे और देखेंगे और अगर वे अच्छी नहीं हैं, तो बहिष्कार की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि लोग सिनेमा हॉल जाना बंद कर देंगे।
ओटीटी पर रिलीज हुई अपनी फिल्म जोगी पर बोलते हुए उन्होंने 1984 के दंगों को भारतीय इतिहास का काला अध्याय करार दिया।
(आईएएनएस)।
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Created On :   15 Nov 2022 4:30 PM IST