दुनिया के 122 देशों के समक्ष साझा किया गया दिल्ली का शिक्षा मॉडल

Delhis education model shared with 122 countries of the world
दुनिया के 122 देशों के समक्ष साझा किया गया दिल्ली का शिक्षा मॉडल
दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया दुनिया के 122 देशों के समक्ष साझा किया गया दिल्ली का शिक्षा मॉडल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने लंदन में दिल्ली के शिक्षा मॉडल को साझा किया। लंदन में उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने हर साल अपने कुल बजट का लगभग 25 फीसद शिक्षा को दिया है। दिल्ली सरकार के स्कूल शानदार बिल्डिंग्स, स्मार्ट क्लासरूम, बेहतरीन खेल सुविधाओं वाले मैदानों व अन्य सुविधाओं से लैस हैं। दिल्ली सरकार के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में 21 फीसदी का इजाफा हुआ है। हैप्पीनेस माइंडसेट करिकुलम, एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम और देशभक्ति करिकुलम के बारे में दुनिया भर के 122 शिक्षा मंत्रियों को बताया गया।

दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया लंदन में आयोजित हो रहे एजुकेशन वल्र्ड फोरम-2022 में दुनिया भर के 122 शिक्षा मंत्रियों और एक्सपर्ट्स के सामने दिल्ली की शिक्षा का मॉडल साझा किया है। सिसोदिया ने बताया कि कैसे दिल्ली सरकार ने शिक्षा को प्राथमिकता बनाकर लोगों का सरकारी एजुकेशन सिस्टम के प्रति भरोसा बढ़ाया है।

उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने हर साल अपने कुल बजट का लगभग 25 फीसद शिक्षा को दिया है। अपने टीचर्स व स्कूल प्रमुखों को कैंब्रिज, सिंगापुर, फिनलैंड, आईआईएम आदि में ट्रेनिंग के लिए भेजा ताकि वहां शिक्षा में अपनाए जा रहे नवाचारों को सीख कर वे उन्हें अपने स्कूलों में अपना सके। स्कूल प्रमुखों को वित्तीय व प्रशासनिक शक्तियां बढ़ाई। इन सबकी बदौलत यहां 12वीं का रिजल्ट लगभग 100 फीसद है। हर साल सैकड़ों की संख्या में दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों को भारत के टॉप संस्थानों में एडमिशन मिल रहा है।

सिसोदिया ने कहा, जब मैं शिक्षा के भविष्य की बात करता हूँ तो मेरा मतलब केवल उस छात्र के भविष्य के बारे में नहीं है जो स्कूल में पढ़ रहा है। शिक्षा परिवारों, समाजों, राष्ट्रों के भविष्य के बारे में है। आज शिक्षा का मतलब सिर्फ लोगों को शिक्षित करना नहीं है। यह केवल उन लोगों को शिक्षित करने के बारे में नहीं है जो अशिक्षित और कम पढ़े-लिखे हैं, बल्कि यह उन लोगों को शिक्षित करने के बारे में भी है जिन्हें गलत पढ़ाया जा रहा है।

डिप्टी सीएम ने दिल्ली में शिक्षा में आए बदलावों के बारे में साझा करते हुए कहा कि 2015 में जब आम आदमी पार्टी सरकार में आई तब दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत जर्जर थी और यहां बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी थी। तब पेरेंट्स मजबूरी में अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने भेजा करते थे लेकिन जिस किसी के पास भी थोड़े संसाधन थे वो पेरेंट्स अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में ही भेजते थे। हमने इस परि²श्य को बदलने का काम किया। आज दिल्ली सरकार के स्कूल विश्वस्तरीय हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूल शानदार बिल्डिंग्स, स्मार्ट क्लासरूम, बेहतरीन खेल सुविधाओं वाले मैदानों व अन्य सुविधाओं से लैस है। दिल्ली सरकार के स्कूल प्राइवेट स्कूलों से भी शानदार हो चुके हैं। जिसकी बदौलत आज पेरेंट्स मजबूरी से नहीं बल्कि सम्मान के साथ अपने बच्चों को दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने भेजते हैं। 2015 की तुलना में वर्तमान में दिल्ली सरकार के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में 21 फीसदी का इजाफा हुआ है।

डिप्टी सीएम ने कहा कि दिल्ली का एजुकेशन मॉडल केवल शानदार स्कूल बिल्डिंग बनाने, रिजल्ट के बेहतर होने या टीचर्स को विदेशों में ट्रेनिंग देने तक ही सीमित नहीं है। शिक्षा का असल उद्देश्य एक-दूसरे का सम्मान करना, बेहतर इंसान बनना व देश समाज के लिए कार्य करना है। इस उद्देश्य के साथ दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों में माइंडसेट करिकुलम की शुरूआत की।

दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मेन्टल -इमोशनल तौर पर बेहतर बनाने, उन्हें बेहतर इंसान बनाने, खुश रहना सिखाने के लिए हैप्पीनेस माइंडसेट करिकुलम की शुरूआत की और रोजाना कक्षा नर्सरी से 8वीं के 10 लाख से अधिक बच्चे स्कूल में अपने दिल की शुरूआत माइंडफुलनेस के साथ करते हैं। दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे नौकरी पाने की चाहत रखने के बजाय नौकरी देने वाले बने, रिस्क लेना सीख सके और उनमें ग्रोथ माइंडसेट का विकास हो सके इसके लिए एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम की शुरूआत की गई। बच्चों में अपने देश के प्रति गर्व की भावना ही और वे बेहतर नागरिक बन सके इसके लिए देशभक्ति करिकुलम की शुरूआत की गई है।

 

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Created On :   23 May 2022 11:00 PM IST

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