World Heart Day: वर्ल्ड आर्ट डे पर स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय में “सृजन सरोकार उत्सव” का भव्य आयोजन

वर्ल्ड आर्ट डे पर स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय में “सृजन सरोकार उत्सव” का भव्य आयोजन
"कलाएं: हमें मनुष्य बनाए रखती हैं।"- डॉ रितेश रंजन

भोपाल। वर्ल्ड आर्ट डे के उपलक्ष्य में स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय,भोपाल में दिनांक 15 अप्रैल 2025 को “सृजन सरोकार उत्सव” मनाया गया। इस अवसर पर चित्रकला एवं कार्टून प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया जिनमें स्कोप पब्लिक एच आर. सेकेंडरी स्कूल, सरोजिनी नायडू सरकारी गर्ल्स पीजी कॉलेज, सागर पब्लिक स्कूल (कटारा एक्सटेंशन), तक्षशिला कॉलेज, सेंट जोसेफ़ कॉन्वेंट स्कूल (इदगाह हिल्स), अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, एवं मॉडल एचआर. सेकेंडरी स्कूल और स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय आदि प्रमुख रहे। प्रतिभागियों ने अपनी कल्पनाओं को रंगों व रेखाओं के माध्यम से जीवंत किया और सामाजिक कुरीतियों और समकालीन मुद्दों पर प्रभावशाली अभिव्यक्ति दी।

चित्रकला प्रतियोगिता के प्रथम स्थान- आर्यन साहू , द्वितीय स्थान- जय प्रकाश और तृतीय स्थान सुश्री ईशिका श्रीवास्तव ने प्राप्त किया। वहीं कार्टून प्रतियोगिता में प्रथम स्थान- आग्रणी मिश्रा द्वितीय स्थान- अभिषेक सोनी और तृतीय स्थान- बद्रीनाथ के वी ने प्राप्त किया। छोटे बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान- हर्ष बरेठा, द्वितीय स्थान- सलोनी बरेठा और तृतीय स्थान- हर्षित मिश्रा ने प्राप्त किया।

प्रतियोगिता के पश्चात आर्ट अप्रीशीऐशन का वर्कशॉप हुआ। अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अर्जुन कुमार सिंह ने कार्यक्रम की संकल्पना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कला मानवीय संस्कृति, इतिहास और सामाजिक चेतना का आधार है और इसके संवर्धन से ही समाज का विकास संभव है।

वर्कशॉप के मेंटर डॉ. रितेश रंजन (विभागाध्यक्ष, जागरण स्कूल ऑफ डिजाइन, जे एल यू, भोपाल) ने कार्यशाला में विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कहा कि कला ही एक मात्र जरिया है जिसके माध्यम से मनुष्यों में मनुष्यता को जीवित रखा जा सकता है। कला ही वह एक माध्यम है जिसके भीतर से सच्चे इतिहास की पड़ताल की जा सकती है। उन्होंने कहा विश्व की कोई भी सभ्यता अपने कलाओं के लिए जानी जाती है अपने युद्धों के लिए नहीं। उन्होंने कहा की Ai से डरने की जरूरत नहीं; यह मनुष्य की सृजनात्मकता को नष्ट नहीं कर सकेगा। आज सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हम जाने की कला क्यों और किस उद्देश्य के लिए रच रहे हैं। कला सामाजिक बदलाव का सशक्त माध्यम बन सकती है।”

स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ विजय सिंह ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा, “यह दिन न केवल कलाकारों के लिए, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक है जो जीवन में सौंदर्य और रचनात्मकता को महत्व देता है।” डॉ. दृष्टिपल सिंह परिहार ने कहा कि “कला हमारे तनावमुक्त जीवन की कुंजी है और यह मनुष्य की सृजनात्मकता को दिशा देती है।” उन्होंने कुलाधिपति डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी और कुलगुरु डॉ. विजय सिंह, रजिस्ट्रार डॉ सीतेश कुमार सिन्हा , डीन मानविकी एवं उदार कला डॉ टीना तिवारी, और वर्कशॉप के मेंटर डॉ. रितेश रंजन के सहयोग हेतु विशेष आभार प्रकट किया। कार्यक्रम के अंत में स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ विजय सिंह एवं डॉ. रितेश रंजन ने प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस उत्सव का आयोजन मानविकी एवं उदार कला संकाय, टैगोरे स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स, स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय,भोपाल द्वारा आयोजित किया गया।इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. सितेश कुमार सिन्हा ने विश्वविद्यालय के सभी छात्रों, अध्यापकों और मीडिया टीम का सफल आयोजन के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया।

Created On :   16 April 2025 7:08 PM IST

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