उपलब्धि: बतौर सर्वोत्कृष्ट संस्थापक वर्धा की बेटी क्षितिजा को फोर्ब्स की सूची में मिली जगह

बतौर सर्वोत्कृष्ट संस्थापक वर्धा की बेटी क्षितिजा को फोर्ब्स की सूची में मिली जगह
  • सर्वोत्कृष्ट संस्थापक व विधि विशेषज्ञ के तौर पर मिला स्थान
  • फोर्ब्स की सूची में जगह मिली

डिजिटल डेस्क, वर्धा। शहर, विभाग, राज्य और अब सीधे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचकर अपने कार्य को पहुंचाने का सम्मान वर्धा की पुत्री को प्राप्त हुआ है। स्थानीय सेवानिवृत्त प्रा. गुणवंत वड़तकर की पुत्री एड. क्षितिजा सुमित वानखेड़े को विश्वविख्यात फोर्ब्स की सूची में उच्च स्थान मिला है। विश्व के प्रभावी व्यक्तित्व के तौर पर उनके नाम का पंजीयन किया गया है। सर्वोत्कृष्ट संस्थापक व सर्वोत्कृष्ट विधिज्ञ ऐसे दो श्रेणी में उन्हें सूची में स्थान मिला है। यह सम्मान प्राप्त करनेवाली वह अब तक की एकमात्र वकील हैं। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2007 में नागपुर विद्यापीठ ने भी सर्वोत्कृष्ट वक्ता के तौर पर डॉ. क्षितिजा वड़तकर को सम्मानित किया था।

वर्ष 2023 में इंडिया टुडे मासिक पत्रिका ने भारत के पहले आठ उद्योन्मुख महिला के तौर पर सम्मानित किया है। संविधान व मानवाधिकार विषय में किए गए अनुसंधान के चलते नागपुर विद्यापीठ ने उन्हें डाक्टरेट पदवी बहाल की है। राज्य के आर्थिक अपराध क्षेत्र में विख्यात वकील के तौर पर वे लॉ फर्म की संस्थापक हैं। फोर्ब्स की सूची में दो श्रेणी में पहली बार एक महिला वकील को नामांकन मिला है। इस संदर्भ में एड. डा. क्षितिजा वानखेड़े ने कहा कि 15 वर्ष पूर्व गुणवत्ता व पदकों से भरी हुई ब्रीफकेस लेकर वर्धा से मुंबई आई थी।

उस वक्त मुझे किसी का सहारा नहीं था, परंतु कानून के क्षेत्र में खुद की पहचान निर्माण करने को प्राथमिकता देकर अथक प्रयासों के बाद देश के सर्वोच्च कानून कंपनी में उच्च पद पर पहुंची। इसके बाद खुद की संस्था शुरू करने का निर्णय लिया। होनहार वकीलों को अवसर देने के साथ महिला व वंचित घटकों को उनके सामाजिक हक दिलाने की नीति है। असंख्य प्रकरण सफलतापूर्वक सुलझाए हैं।

Created On :   25 Jun 2024 2:11 PM GMT

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