मेहनत रंग लाई: रेशम उद्योग से चमकाई किस्मत, तीन किसानों को "रेशम रत्न' पुरस्कार से नवाजा

रेशम उद्योग से चमकाई किस्मत, तीन किसानों को रेशम रत्न पुरस्कार से नवाजा
  • किसानों को बाजार व अन्य सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन
  • प्रति एकड़ 1 लाख से अधिक आय प्राप्त करने वाले किसान हुए सम्मानित
  • प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार किए प्रदान

डिजिटल डेस्क, वर्धा। रेशम उद्योग से एक लाख रुपए से अधिक की आय लेनेवाले जिले के तीन किसानों को उच्च शिक्षा व वस्त्रोद्योग मंत्री चंद्रकांत दादा पाटील के हाथों रेशम रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार वितरण समारोह में वस्त्रोद्योग आयुक्त अविष्यांत पंडा, रेशम संचालनालय के संचालक वसुमना पंत, रेशम के अतिरिक्त आयुक्त माधुरी चवरे, उपायुक्त जोशी उपस्थित थे। वर्धा जिले के हिंगणघाट तहसील के चिंचोली गांव निवासी बलवंत तुकाराम घोटेकर, सेलू तहसील के घोराड निवासी ज्ञानेश्वर वारलूजी माहुरे व हिंगणघाट तहसील के आर्वी छोटी निवासी विद्याधर गुलाबराव खोडे का सपत्नीक सत्कार किया गया। चंद्रकांत दादा पाटील ने सत्कार मूर्तियों से पूछा कि किस प्रकार से सफलता हासिल की और रेशम खेती कैसे फायदेमंद है।

रेशम उद्योग करने वाले किसानों को बाजार व अन्य सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन उन्होंने इस समय दिया। इस समय मंत्री के हाथों रेशम संचालनालय के संकेतस्थल का उद्घाटन किया गया। इस संकेतस्थल पर रेशम उद्योग विषय की संपूर्ण जानकारी, जिले के रेशम विकास अधिकारी, संपर्क क्रमांक, शासन निर्णय आदि की जानकारी उपलब्ध रहेगी। कार्यक्रम में रेशम कक्ष मंत्रालय की उपसचिव श्रद्धा कोचरेकर, कक्ष अधिकारी अंजुम पठान, रेशम विभाग के उपसंचालक महेंद्र ढवले, सहायक संचालक हेमंत लाडगांवकर, रेशम विकास अधिकारी विलास शिंदे और वरिष्ठ तकनिकी सहायक रजनी बन्सोड उपस्थित थीं।

बता दें कि नागपुर के वस्त्रोद्योग आयुक्तालय व रेशम संचालनालय के संयुक्त तत्वावधान में नागपुर के नए नियोजन भवन में 10 वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के उपलक्ष्य में तूती और टसर रेशम उद्योग से जिन्होंने आर्थिक उन्नति कर एक वर्ष में 1 लाख से अधिक आय लेनेवाले सफल रेशम किसानों का सत्कार किया गया। नागपुर विभाग के हर जिले से वर्ष 2022-23 में प्रति एकड़ 1 लाख से अधिक आय प्राप्त करने वाले किसानों का रेशम रत्न पुरस्कार के लिए चयन किया गया। इसमें से सर्वाधिक आय लेने वाले किसानों को 11 हजार का प्रथम पुरस्कार, 7 हजार 500 रुपए का द्वितीय व 5 हजार रुपए का तृतीय पुरस्कार, श्रीफल, साड़ी और प्रशस्तिपत्र देकर सपत्नीक सम्मानित किया गया।

Created On :   13 Aug 2024 9:03 AM GMT

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