वर्धा: संविधान को लेकर केंद्र की भूमिका चिंताजनक - प्रो. आनंदकुमार

संविधान को लेकर केंद्र की भूमिका चिंताजनक - प्रो. आनंदकुमार
  • सेवाग्राम में शुरू हुआ सर्व सेवा संघ का 90वां राष्ट्रीय अधिवेशन
  • संविधान को लेकर केंद्र की भूमिका चिंताजनक

डिजिटल डेस्क, वर्धा. लोकतंत्र के 73 वर्ष बाद देश के सामने लोकतंत्र व भारतीय संविधान के विरोध में वर्तमान केन्द्र के सरकार की मौजूदा भूमिका नागरिकों की चिंता बढ़ानेवाली है। इसके लिए सत्याग्रह का शस्त्र समाज को खड़े करने की जरूरत है। प्रेम की शक्ति के आधार पर समाज में बदलाव लाया जा सकता है। इसका अनुभव गांधी विचारों के माध्यम से देशभर में देने का सर्वोदय समाज उसका उदाहरण है। यह विचार प्रो. आनंदकुमार ने व्यक्त किए। सेवाग्राम आश्रम में सर्वसेवा संघ के 90वें दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन समारोह में सोमवार को प्रो. आनंदकुमार ने यह विचार व्यक्त किए।

इस समय महाराष्ट्र प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रमेश दाणे ने अतिथियों का स्वागत किया । सेवाग्राम आश्रम प्रतिष्ठान की अध्यक्ष आशा बोथरा ने सेवाग्राम आश्रम का गांधीजी का संदेश उपस्थितों को दिया। प्रो. आनंदकुमार ने कहा कि देश में एकता व प्रेम का संदेश देने सर्वोदय विचारों का महत्वपूर्ण योगदान है। महात्मा गांधी, विनोबा भावे व जय प्रकाश नारायण ने सत्य, अहिंसा व प्रेम का विचार तथा कृति कार्यक्रम के माध्यम से लोगों में समता का संदेश देने का प्रयास किया। महात्मा गांधी के हिंद-स्वराज्य, मंगल प्रभात व रचनात्मक कार्यक्रम के साथ विनोबा भावे का स्वराज्य शास्त्र व जय प्रकाश नारायण का आमने-सामने व संपूर्ण क्रांति इन किताबों के अध्ययन की जरूरत नई पीढ़ी को होने की बात उन्होंने कही। इस समय वाराणसी कार्यक्षेत्र में दिए व्यापक योगदान के लिए नंदलाल मास्टर का सर्व सेवा संघ की ओर से सत्कार किया गया। राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर के 15 राज्य से 300 से अधिक जनसेवक व प्रतिनिधि शामिल हुए।

Created On :   7 Nov 2023 6:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story