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हमें पढ़ाने दो, बच्चों को कुछ सिखाने दो, शिक्षकों ने दिया धरना
डिजिटल डेस्क, वर्धा. शिक्षकों पर डाले जा रहे अशैक्षणिक कार्यों के बोझ से विद्यार्थियों का काफी नुकसान हो रहा है। हमें पढ़ाने दो बच्चों को कुछ सिखाने दो .. इस मांग को लेकर महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति की ओर से शिक्षक दिवस पर एकदिवसीय सामूहिक अवकाश आंदोलन किया गया।
आंदोलन में जिले के 1 हजार 274 शिक्षक शामिल हुए। डाॅ. बाबासाहब आंबेडकर पुतला परिसर में शिक्षकों ने धरना आंदोलन किया। आंदोलन का नेतृत्व महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति के राज्याध्यक्ष विजय कोंबे, राज्य महासचिव राजन कोरगांवकर, जिला महासचिव मनीष ठाकरे, जिलाध्यक्ष मनीष खेकारे ने किया। आंदोलन को राज्य सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन के हरिश्चंद्र लोखंडे, मराठी स्कूल बचाओ अभियान व शिकायत निवारण समिति के प्रवर्तक अजय भोयर ने समर्थन दिया।
इस आंदोलन में 1247 शिक्षक शामिल हुए। स्कूल का कामकाज किसी तरह से प्रभावित न हो इसके लिए जिला परिषद की सभी स्कूलें सुबह के सत्र में ली गईं। जिन स्कूलों के सभी शिक्षकों ने अवकाश लिया उनकी जगह पर दूसरे स्कूलों से शिक्षकों को भेजा गया। शिक्षकों की अनेक मांगें वर्षों से लंबित है। शासन के वित्त, शालेय शिक्षा, ग्राम विकास, नगर विकास विभाग द्वारा अन्य शासकीय कर्मचारी व निजी अनुदानित स्कूलों के शिक्षकों की तुलना में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के प्राथमिक शिक्षकों से दोहरा बर्ताव किया जा रहा है। नियमित निवदेन देने के बाद भी मांगों की अनदेखी की जा रही है। इससे शिक्षकों ने यह आंदोलन किया।
शुरू रहीं जिले की शालाएं
डॉ. मंगेश घोगरे, शिक्षाधिकारी प्राथमिक, जिप के मुताबिक विभिन्न मांगों को लेकर 5 सितंबर को शिक्षकों ने अवकाश आंदोलन किया लेकिन इसका स्कूलों पर कोई भी परिणाम नहीं हुआ। शिक्षक भले ही अवकाश पर थे, लेकिन स्कूल शुरू रहे। जिस स्कूल के दोनों शिक्षक अवकाश पर थे, उनकी जगह दूसरे स्कूल से शिक्षक भेजे गए। जिससे स्कूल या शिक्षा पर कोई भी परिणाम नहीं हुआ।
Created On :   6 Sept 2023 7:36 PM IST