हिंदी विश्वविद्यालय से पकड़े गए तेंदुए ने तोड़ा दम

हिंदी विश्वविद्यालय से पकड़े गए तेंदुए ने तोड़ा दम
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डिजिटल डेस्क, वर्धा. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय परिसर के मेजर ध्यानचंद क्रीड़ा प्रागंण के जंगल झुड़पी में घुसे तेंदुए को दो घंटे की कड़ी मश्क्कत के बाद ट्रैंक्यूलाइज्ड कर बेहोश किया गया था। उसे पकड़कर पीपल्स फॉर एनिमल के करुणाश्रम में रखा गया था। गुरुवार तड़के इस तेंदुए की मौत हो गई। पीपल्स फॉर एॅनिमल के आशीष गोस्वामी के अनुसार इस तेंदुए की मौत पीलिया होने के चलते हुई है। गुरुवार को वन विभाग की निगरानी में उसका पोस्टमार्टम करने के बाद अंतिम संस्कार किया गया। बता दें कि, बुधवार दोपहर 12.30 बजे के दौरान महात्मा गांधी हिंदी विश्वविद्यालय परिसर में मेजर ध्यानचंद क्रीड़ा प्रांगण के पास जंगल में विद्यार्थियों को तेंदुआ दिखाई दिया। इसकी जानकारी विवि के जनसंपर्क अधिकारी मिरगे को दी गई। उन्होंने इसकी जानकारी वन विभाग और पीपल्स फॉर एनिमल संस्था को दी।

इसके चलते वन विभाग और पीपल्स फॉर एनिमल की टीम ने दो घंटे की कड़ी मश्क्कत के बार बुधवार दोपहर ढाई बजे इस तेंदुए को बेहोश कर पकड़ा। बाद में उसे करुणाश्रम में लाया गया। पीपल्स फॉर एनिमल के आशिष गोस्वामी ने बताया कि तेंदुआ पीलिया से ग्रसित होने के कारण उसके ब्लड के सैंपल नागपुर भेजे गए हैं। गुरुवार मध्यरात्रि करीब डेढ़ बजे पीलिया से ग्रसित इस तेंदुए की मौत हो गई। तेंदुए का शवविच्छेदन कर शासकीय वनविभाग के नर्सरी में अंतिम संस्कार किया गया।

गहराया संदेह

किसी भी जानवर की बीमारी की फॉरेन्सिक रिपोर्ट आने में कम से कम 72 घंटे लगते हैं। लेकिन वनविभाग के डॉक्टर ने तेंदुए को पकड़ते ही बता दिया कि उसे पीलिया है। इस कारण वन्यजीव प्रेमी संदेह जता रहे हैं।

पीलिया ही मृत्यु का मुख्य कारण

आशीष गोस्वामी, पीपल्स फॉर एनिमल के मुताबिक हिंदी विश्वविद्यालय से पकड़ा गया तेंदुआ पीलिया से ग्रसित था। उसका पीलिया लास्ट स्टेज पर होने के कारण वह बीमार था। इस कारण पीलिया से ही उसकी मौत हुई है।


Created On :   21 July 2023 2:02 PM GMT

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