आम महोत्सव: पारंपारिक फसल पद्धति में बदलाव कर आम उत्पादन की ओर कदम बढ़ाएं किसान : कर्डिले

पारंपारिक फसल पद्धति में बदलाव कर आम उत्पादन की ओर कदम बढ़ाएं किसान : कर्डिले
  • आम महोत्सव को मिला अच्छा प्रतिसाद
  • एकात्मिक फलोत्पादन विकास अभियान पर जोर
  • फसल की बुआई करते समय जमीन का दर्जा जरूर जांचे

डिजिटल डेस्क, वर्धा । पारंपारिक फसल पद्धति में बदलाव कर किसानों को फलबाग खेती की ओर मुड़ना चाहिए। समूह खेती के माध्यम से बड़े पैमाने पर आम फलबाग लगाने पर बाजार, तकनीकी मदद, निर्यात आदि आसानी से उपलब्ध होगा। जिले का मौसम आम फसल के लिए अनुकूल है। उचित नियोजन करने पर किसानों को काफी मुनाफा मिलेगा। इस कारण किसान अपना रुझान आम फलआग की ओर बढ़ाएं। यह आह्वान जिलाधिकारी राहुल कर्डिले ने किया।

एकात्मिक फलोत्पादन विकास अभियान अंतर्गत जिलाधिकारी कार्यालय के नियोजन सभागृह में 7 मई को एक दिवसीय आम महोत्सव का आयोजन किया गया था। इस महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर वे बोल रहे थे। कार्यक्रम में मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोहन घुगे, कृषि विभागीय सह संचालक शंकरराव तोटावार, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी प्रभाकर शिवणकर, आत्मा प्रकल्प संचालक डा. नलिनी भोयर, गुट खेती प्रवर्तक तथा आम फसल विशेषज्ञ डा. भगवानराव कापसे, महा केसर आम बागायतदार संघ के कोषाध्यक्ष शिवाजीराव उगले, कृषि विद्यापीठ के विभाग प्रमुख डा. डी. एम. पंचभाई समेत विभिन्न विभाग प्रमुख उपस्थित थे।

जिलाधिकारी राहुल कर्डिले ने कहा कि किसी भी फसल की बुआई करते समय जमीन का दर्जा जांचना आवश्यक है। पानी, खनिजद्रव्य आदि की जांच कर उचित फसल का चयन करें। जिले के कुछ किसानों ने एक बार फलबाग बुआई शुरू की तो अन्य लोग भी सामने आएंंगे। किसी भी क्षेत्र में सफलता चाहिए तो जिद, मेहनत व उचित नियोजन जरूरी है।

समूह खेती प्रवर्तक व आम फल विशेषज्ञ डा. भगवानराव कापसे ने कहा कि आज भी आम की फलबाग बुआई पारंपरिक पद्धति से की जाती है। आम फलबाग खेती की ओर किसानों का खेती की ओर देखने का दृष्टिकोण बदलना चाहिए। देश में आम की बुआई अधिक होती है लेकिन हेक्टेयर उत्पादन काफी कम है। आम फलबाग बुआई करते समय उचित पौधे का चयन, अतिघन बुआई पद्धति, छंटनी, रोग व कीटक प्रबंधन तथा नए तकनीक का इस्तेमाल करने का आह्वान उन्होंने किया। प्रस्तावना जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी प्रभाकर शिवणकर ने रखी। एक दिवसीय आम महोत्सव में केसर, दशहरी, लंगड़ा, वनराज आदि प्रजाति के आम के स्टॉल लगाए गए थे। महोत्सव में कृषि विभाग के अधिकारी, कर्मचारी व किसान बड़ी संख्या में शामिल हुए।

Created On :   8 May 2024 12:56 PM GMT

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