दवा का कितना देना है डोज यह पूछने इंजार्च सिस्टर को तलाशती रहीं निजी नर्सिंग कॉलेजों की ट्रेनी नर्सें

दवा का कितना देना है डोज यह पूछने इंजार्च सिस्टर को तलाशती रहीं निजी नर्सिंग कॉलेजों की ट्रेनी नर्सें
नर्सिंग ऑफीसर्स गए हड़ताल पर, मेडिकल कॉलेज व जिला चिकित्सालय में लडखड़ाई व्यवस्था

डिजिटल डेस्क,शहडोल।

अपनी दस सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश व्यापी हड़ताल में अपने आपको शामिल करते हुए जिले के नर्सिंग ऑफीसर्स ने भी सोमवार से काम बंद कर दिया है। अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते मेडिकल कॉलेज तथा जिला चिकित्सालय में चिकित्सा व्यवस्था लडखड़ाने लगी है। हालांकि वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में दोनों स्थानों पर निजी नर्सिंग कॉलेजों की छात्राओं को तैनात किया गया है, लेकिन पूर्ण रूप से दक्ष नहीं होने के कारण उन्हें परेशानी आ रही है। मरीजों को दवाओं को कितना डोज दिया जाना है, सभी ट्रेनीज नर्सों को इसका ज्ञान नहीं है। जिला चिकित्सालय में कई ट्रेनी नर्सें मेडिकल व सर्जिकल वार्ड में अपने-अपने इंचार्ज नर्स को तलाशती रहीं, ताकि पूछ सकें कि फलां मरीज को कितना डोज दिया जाना है। इसी प्रकार के हालात मेडिकल कॉलेज में भी देखे गए। हड़ताल के कारण मेडिकल कॉलेज के अधिकांश वार्डों के काउंटर खाली रहे। कई वार्ड ऐसे भी रहे जहां दोपहर 1.20 बजे एक भी प्रशिक्षु नर्स या स्टाफ दिखाई नहीं दिए। आईसीयू जैसे महत्त्वपूर्ण वार्ड में चार प्रशिक्षु नर्सिंग छात्राएं कार्य कर रही थीं।

धरने पर बैठा नर्सिंग स्टॉफ

नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन ने मांगों को लेकर आज से काम बंद कर धरने पर बैठ गए। इस विरोध प्रदर्शन में मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ जिला अस्पताल एवं सामुदायिक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ नर्सिंग ऑफिसर भी शामिल हैं। एसोशिएसन की जिला अध्यक्ष मैरीना दास ने बताया कि पूर्व में मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया था। मांगों को लेकर 8 जुलाई को 1 घंटे काम बंद कर विरोध किया था। यह हड़ताल नर्सिंग संवर्ग के वेतन व पदनाम विसंगति, ग्रेड पे, रात्रि कालीन आकस्मिक चिकित्सा भत्ता, प्रदेश के चिकित्सा विभाग में स्वशासी अधिकारी कर्मचारियों के वर्ष 2018 के भर्ती नियमों में संसोधन आदि को लेकर की जा रही है।

की गई वैकल्पिक व्यवस्था

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरएस पांडेय के अनुसार ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में हड़ताल का अधिक असर नहीं है। जिला चिकित्सालय में ट्रेनीज नर्सें काम कर रही हैं। मेडिकल कॉलेज में भी प्रबंधन ने नर्सिंग कॉलेजों के छात्र-छात्राओं की ड्यूटी मरीजों की देखरेख के लिए लगा दी है। मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. नागेंद्र सिंह के अनुसार व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं।

Created On :   11 July 2023 2:01 PM GMT

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