Shahdol News: वन व्यवस्थापन पर प्रशिक्षण सह कार्यशाला का हुआ आयोजन

वन व्यवस्थापन पर प्रशिक्षण सह कार्यशाला का हुआ आयोजन
  • निर्देशों के तहत वन एवं राजस्व विभाग के अधिकारी आपस में समन्वय कर व्यवस्थापन संबंधी समस्याओं का निराकरण करें।
  • वनों की सीमा का विवाद बड़ी समस्या

Shahdol News: वन एवं राजस्व विभाग के अधिकारी आपस में समन्वय कर व्यवस्थापन संबंधी समस्याओं का निराकरण करें। आरक्षित तथा संरक्षित वन खंडों का सीमा विवाद बड़ी समस्या रही है। राज्य शासन द्वारा इस संबंध में समय-समय पर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं इन निर्देशों के तहत वन एवं राजस्व विभाग के अधिकारी आपस में समन्वय कर व्यवस्थापन संबंधी समस्याओं का निराकरण करें।

इस आशय के विचार वन व्यवस्थापन पर आयुक्त कार्यालय शहडोल में आयोजित प्रशिक्षण सह कार्यशाला को संबोधित करते हुए आयुक्त शहडोल संभाग सुरभि गुप्ता ने कही। वन संरक्षक वन वृत्त शहडोल अजय पाण्डेय ने बताया कि वन आरक्षित, संरक्षित छोटे-बड़े झाड़ के जंगल तथा सामुदायिक या निजी भूमि में 10 हेक्टेयर या उससे अधिक क्षेत्र में 2 सौ वृक्ष प्रति हेक्टेयर की संख्या में पाए जाने पर वन की श्रेणी में माना जाएगा। आजादी के पूर्व शहडोल संभाग रीवा महाराजा के अधीन था।

यहां रीवा राजा द्वारा बनाए गए नियम एवं जारी अधिसूचनाओं के आधार पर वनों का चिन्हांकन किया गया है। वन व्यवस्थापन से संबंधित समस्त दस्तावेज कलेक्टर एवं वनमण्डलाधिकारियों को उपलब्ध कराकर तेजी से वन व्यवस्थापन संबंधी समस्याओं के निराकरण किया जाना जरूरी है। कार्यशाला में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1988 बैच के वन संरक्षक पद से सेवा निवृत्त भोपाल से आए मास्टर ट्रेनर रमेश श्रीवास्तव ने वन व्यवस्थापन पर आने वाली समस्याओं, वनों के चिन्हांकन, उनके सीमांकन तथा राजस्व एवं वन रिकार्डों में संधारण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

प्रशिक्षण सह कार्यशाला में कलेक्टर शहडोल डॉ. केदार सिंह, उमरिया धरर्णेन्द्र कुमार जैन, अनूपपुर हर्षल पंचोली, उपसंचालक बीटीआर पीके वर्मा, वनमण्डलाधिकारी तरूणा वर्मा, श्रद्धा पेन्द्रे, विवेक सिंह, सरला वर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

Created On :   10 April 2025 2:02 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story