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Shahdol News: नौसिखियों को सौंपी धान खरीदी की जवाबदारी
- खामियाजा भुगत रहे किसान : धान खरीदी प्रारंभ होने के 20 दिन तक शुरू नहीं हुआ परिवहन
- केंद्र में लाखों क्विंटल का स्टॉक, बारिश में नुकसान
Shahdol News: संभाग के तीनों जिले में पहली बार नया प्रयोग करते हुए धान खरीदी की जवाबदारी राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) को सौंपी गई है। एनसीसीएफ ने 2 दिसंबर से खरीदी प्रारंभ होने के बाद एक सप्ताह तक तो कार्यालय ही चिन्हित नहीं किया। कलेक्टर ने आबकारी विभाग का एक कमरा कार्यालय के आबंटित करवाया तो धान परिवहन के लिए मिलर्स से अनुबंध और स्वीकृति पत्र जारी करने से लेकर किसानों को राशि भुगतान के लिए एफपीओ जारी करने में लगातार उदासीन रवैया अपनाई गई और खरीदी प्रारंभ होने के 20 दिन तक केंद्रों से परिवहन की व्यवस्था नहीं बनी।
इसका नतीजा यह हुआ कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में हर स्तर पर बरती गई लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। 29 दिसंबर तक किसानों ने 272.91 करोड़ रूपए की धान बेची है। इसमें भुगतान महज 84 .11 करोड़ रूपए ही हुआ।
- एनसीसीएफ के शहडोल प्रबंधक अर्पित सिंह का कहना है कि एफपीओ के बाद भोपाल स्तर से राशि ट्रांसफर में विलंब हो रहा है।
केंद्रों तक पहुंचे एसडीएम
बारिश के बाद धान खरीदी केंद्रों में नुकसान का जायजा लेने के लिए जिले के सभी एसडीएम को फील्ड पर जाने के निर्देश कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने दिए। एसडीएम अरविंद शाह, नरेंद्र सिंह, प्रगति वर्मा ने धान खरीदी केंद्र पहुंचकर जल्द से जल्द धान परिवहन का इंतजाम किया। बारिश से भीगी धान को लेकर उचित व्यवस्था के निर्देश दिए। यह सिलसिला रविवार देरशाम तक चलता रहा। खड्डा धान खरीदी केंद्र में सहायक आपूर्ति अधिकारी रविकांत ठाकुर, ब्यौहारी के प्रभारी तहसीलदार रोहित ङ्क्षसह ने स्थिति का जायजा लिया। उन्हें जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र पटेल ने किसानों की समस्या से अवगत कराया।
किसानों को राशि ट्रांसफर में भर्राशाही
272 करोड़ रूपए की धान रिकॉर्ड में चढ़ गई है। इतनी राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर हो जानी चाहिए।
84.11 करोड़ रूपए ही ट्रांसफर हुआ। राशि ट्रांसफर करने में एनसीसीएफ द्वारा लगातार उदासीन रवैया अपनाया जा रहा है।
खुलेआम लापरवाही
धान खरीदी प्रारंभ होने के 27 दिन बाद 9 लाख 95 हजार 410 क्विंटल धान परिवहन के लिए तैयार है तो अब तक महज 66 हजार 8 सौ क्विंटल धान का परिवहन हो सका। जिलेभर में समिति स्तरीय 29 धान खरीदी केंद्रों में 9 लाख 28 हजार 610 क्विंटल धान परिवहन के लिए शेष है। समर्थन मूल्य की तुलना में धान की यह मात्रा 2 अरब 13 करोड़ 58 लाख रूपए की है। धान के परिवहन में लापरवाही का सीधा नुकसान उन किसानों को हो रहा है जिन्हें तौल के बाद राशि का भुगतान चाहिए। ऐसे 17 हजार से ज्यादा किसान हैं, जिन्हें 15 दिन से राशि का इंतजार है।
5 लाख 79 हजार 540 क्विंटल धान का परिदान हुआ।
4 लाख 14 हजार 10 क्विंटल का ही स्वीकृति पत्र एनसीसीएफ ने जारी किया।
गोदाम स्तरीय 25 खरीदी केंद्रों में धान के परिवहन की जरूरत नहीं पड़ती फिर भी 1 लाख 65 हजार 530 क्विंटल धान की स्वीकृति पत्रक जारी नहीं हुई।
स्वीकृति पत्र जारी नहीं होने से किसानों को भुगतान में विलंब होता है।
Created On :   30 Dec 2024 7:54 PM IST