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Shahdol News: मोहनराम मंदिर परिसर में भगवान श्रीकृष्ण कथा का आयोजन
- सलाह नहीं मानने से राजा बलि को नुकसान
- भगवान राजा बलि के पास गए तो उन्होंने ब्राह्मण समझकर वामन भगवान का स्वागत किया।
Shahdol News: राजा हो या गृहस्थ आश्रम में रहने वाले लोग। गुरू की सलाह हमेशा ही अच्छे और भलाई के लिए होती है। जो लोग गुरू की सलाह नहीं मानते उन्हे नुकसान भी होता है। जैसा की राजा बलि के साथ हुआ। यह बात मोहनराम मंदिर परिसर में चल रहे श्रीकृष्ण कथा आयोजन के चौथे दिन कथा वाचन माधवाचार्य महराज ने कही। उन्होंने भगवान विष्णु के वामन अवतार का वर्णन करते हुए कहा कि राजा बलि को गुरू शुक्राचार्य ने श्राप दिया था क्योंकि उन्होंने सलाह की अनदेखी की।
राजा बलि महादानी थे, पर अत्याचारी भी थे। उनके अत्याचारों से समाज को मुक्ति दिलाने भगवान विष्णु ने बावन अवतार लिया, जो कि उनका पांचवा अवतार था। भगवान राजा बलि के पास गए तो उन्होंने ब्राह्मण समझकर वामन भगवान का स्वागत किया। उन्होंने राजा बलि से तीन पग जमीन मांगी और गुरू शुक्राचार्य के मना करने के बाद भी राजा बलि ने बिना सोचे समझे जमीन दान में देने का वचन दिया।
तब भगवान ने दो पग में ही पूरी दुनिया नाप ली और तीसरा पग रखने के लिए राजा बलि ने अपना सिर दिया तो वे पाताल लोक पहुंच गए। तब भगवान ने वचन निभान के लिए प्रसन्न होकर राजा बलि को चिरंजीवी होने का वरदान दिया। कथा के अंत में गुरुदेव रोहिणीश्वर प्रपन्नाचार्य ने ज्ञान के गूढ़ रहस्यों का वर्णन किया। कथा के चौथे दिवस का पूजन चंद्रेश द्विवेदी, हरेंद्र मिश्रा, राजेंद्र भारती, गिरधर प्रताप सिंह, पदम खेमका, राजकुमार खरया, सुशील शर्मा, राजाराम पांडेय, गजेंद्र गौतम, श्रवण कुमार त्रिपाठी ने किया। कथा का वाचन 11 दिसंबर तक होगा।
Created On :   6 Dec 2024 3:37 PM IST