Shahdol News: बुढ़ार जेल में हाई टीडीएस का पानी पीने विवश कैदी

बुढ़ार जेल में हाई टीडीएस का पानी पीने विवश कैदी
  • मानव अधिकार आयोग में शिकायत के बाद जांच के लिए भोपाल से पहुंची टीम
  • पेयजल की आपूर्ति नलकूप के माध्यम से ग्राउंड वाटर से हो रहा है।
  • इस पानी में टीडीएस ज्यादा होने के बाद बुढ़ार नगर परिषद को पेयजल आपूर्ति के लिए कहा गया है।

Shahdol News: उपजेल बुढ़ार में कैदियों को हाई टीडीएस (टोटल डिजाल्व सॉलिड) का पानी पीना पड़ रहा है। इससे उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। कैदियों ने इसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग में की तो मंगलवार को पानी की गुणवत्ता जांच के लिए प्रदूषण नियंत्रण विभाग (पीसीबी) भोपाल की टीम बुढ़ार पहुंची।

पानी की जांच करने के लिए नमूने लिए। इससे पहले शहडोल पीसीबी ने पानी की गुणवत्ता जांच कर रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में कैदियों को मिल रहे पानी में टीडीएस की मात्रा 15 सौ मिलीग्राम प्रतिलीटर (एमजी/एल) पाया गया। यहां पेयजल की आपूर्ति नलकूप के माध्यम से ग्राउंड वाटर से हो रहा है। इस पानी में टीडीएस ज्यादा होने के बाद बुढ़ार नगर परिषद को पेयजल आपूर्ति के लिए कहा गया है।

बुढ़ार नगर परिषद ने 8 माह में नहीं किया इंतजाम-

उपजेल बुढ़ार में पानी की व्यवस्था के लिए नगर परिषद बुढ़ार को 8 माह पहले ही पत्र लिखकर कहा गया था। बताया जा रहा है कि इस मामले में परिषद के जनप्रतिनिधि का प्रयास कागजी साबित हुआ और 8 माह बाद भी उपजेल तक पानी सप्लाई के लिए पाइप लाइन बिछाने की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई। इसके लिए डीएमएफ से 18 लाख रूपए मंजूर हुआ है तो जिला से मंजूरी के बाद मामला राज्य स्तर पर अटका हुआ है। बुढ़ार नगर परिषद सीएमओ का कहना है कि राशि मंजूर होते ही काम प्रारंभ हो जाएगा।

डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन से पांच गुना ज्यादा-

मानव स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए वल्र्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने जो मानक निर्धारित किया गया है, उसके अनुसार पानी में टीडीएस की मात्रा 3 सौ एमजी/एल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। वहीं ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) ने मानक 5 सौ एमजी/एल ज्यादा नहीं होने की बात कही है। तीन से पांच सौ एमजी/एल टीडीएस वाले पानी को पीने के लिहाज से निम्न गुणवत्ता का माना गया है।

पानी में ज्यादा टीडीएस से यह नुकसान-

जानकार बताते हैं कि पानी में टीडीएस के मात्रा ज्यादा होना मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। इससे पथरी सहित अन्य बीमारी की आशंका बढ़ जाती है।

Created On :   26 Sept 2024 9:58 AM GMT

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