Shahdol News: खरीदी शुरु होने के 32 दिन बाद भी उपार्जन एजेंसी को नहीं परवाह

खरीदी शुरु होने के 32 दिन बाद भी उपार्जन एजेंसी को नहीं परवाह
  • लापरवाही : बिना अनुबंध के ही चल रही धान खरीदी
  • जिले में इस बार 53 जगहों पर खरीदी प्रक्रिया की जा रही है।
  • पत्र में शीघ्र ही समितियों से द्विपक्षीय व त्रिपक्षीय अनुबंध कराएं।

Shahdol News: खरीफ सीजन की फसलों के उपार्जन के कार्य में जिस एनसीसीएफ नामक एजेंसी को इस बार उपार्जन कार्य सौंपा गया है उसकी अव्यवस्था लगातार सामने आ रही है। एजेंसी की एक और लापरवाही सामने आई है वह यह है कि समितियों से बिना अनुबंध कराए ही खरीदी का कार्य कराया जा रहा है।

उपार्जन नीति के अनुसार खरीदी कार्य के लिए आवंटित समितियों एवं उपार्जन एजेंसी के मध्य खरीदी के पूर्व ही अनुबंध कराया जाना चाहिए, लेकिन खरीदी शुरु होने के 32 दिन बाद भी अनुबंध की प्रक्रिया नहीं कराई जा सकी है। गौरतलब है कि अब तक 20820 पंजीकृत किसान 315.65 करोड़ रुपए की 13.59 लाख क्विंटल से अधिक अपनी उपज बेच चुके हैं। यह पूरी प्रक्रिया बिना अनुबंध के ही करा ली गई।

इसलिए जरूरी है अनुबंध

जिले में इस बार 53 जगहों पर खरीदी प्रक्रिया की जा रही है। शासन के नियमानुसार खरीदी करने वाली समितियों के साथ उपार्जन कराने वाली एजेंसी के साथ अनुबंध कराया जाना अनिवार्य है। जानकारों के अनुसार अनुबंध की प्रक्रिया इसलिए जरूरी है क्योंकि खरीदी करने वाली समितियां एजेंट के रूप में कार्य करती हैं, जिन्हें अनुबंध के तहत नियमों का पालन करना होता है।

खरीदी के दौरान यदि किसी प्रकार की हानि होती है अथवा गड़बड़ी या फिर अनियमितता होती है तो जिम्मेदारी तय की जा सके। यह किसानों के हित मेंं होता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। जिस पर ध्यान देने की जरूरत न तो शासन और न ही प्रशासन द्वारा महसूस की जा रही है।

पत्र में बताई निराशाजनक स्थिति

अनुबंध को लेकर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित की ओर से उपार्जन एजेंसी एनसीसीएफ के जिला प्रबंधक को पत्र लिखा गया है। बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की ओर से 4 जनवरी को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि खरीदी के एक माह बीत जाने के बाद भी आपके द्वारा न तो अनुबंध की प्रति उपलब्ध कराई गई है और न ही अनुबंध निष्पादन के लिए समितियों को सूचित ही किया गया है।

चूंकि अनुबंध खरीदी कार्य के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज है, इसलिए आपका इस ओर ध्यान न दिया जाना अत्यंत निराशाजनक है। पत्र में शीघ्र ही समितियों से द्विपक्षीय व त्रिपक्षीय अनुबंध कराएं।

Created On :   6 Jan 2025 7:08 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story