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Shahdol News: पेयजल और सिंचाई प्रस्ताव को बजट में मंजूरी का इंतजार
- जिले की तीनों विधानसभा में विधायकों की पहली प्राथमिकता पानी, ज्यादातर प्रस्ताव सीएम के पास
- शहडोल शहर में हर साल गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या विकराल रूप ले लेती है।
- जैतपुर विधानसभा में सबसे बड़ी समस्या खेतों को सिंचाई के लिए पानी की है।
Shahdol News: संभाग मुख्यालय शहडोल शहर को नवलपुर में सोन बैराज बनाकर पेयजल का इंतजाम हो या फिर बाणसागर का पानी सिंचाई के लिए खेतों तक लाने की तैयारी हो। जिले के तीनों विधानसभा जयसिंहनगर, ब्यौहारी और जैतपुर के विधायकों की पहली प्राथमिकता पानी का इंतजाम है। इनमें अधिकांश प्रोजेक्ट एक साल में सीएम की चौखट तक ही पहुंच सके। ऐसे प्रोजेक्ट में विधायकों को बजट में मंजूरी का इंतजार है।
जयसिंहनगर : डीएमएफ से मंजूरी का प्रस्ताव-
शहडोल शहर में हर साल गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या विकराल रूप ले लेती है। इस समस्या से निपटने के लिए नवलपुर स्थित सोन नदी पर बैराज बनाकर सरफा फिल्टर प्लांट तक पानी लाने का प्रस्ताव है। विधायक मनीषा सिंह बताती हैं कि इसके लिए डीएमएफ से बजट मिलना है। मुख्यमंत्री से चर्चा हुई है, उन्होंने कहा कि स्टेट माइनिंग फंड से इंतजाम हो जाएगा। ऐसा नहीं होता है तो डीएमएफ से जिला स्तर पर ही मंजूरी मिल जाएगी।
इसके साथ ही जयसिंहनगर में बाईपास निर्माण को बजट से मंजूरी का इंतजार है। दियापीपर और श्यामडीह में बांध का निर्माण सीएम के पास है। शहडोल से टेटकामोड़ के बीच 10 मीटर चौड़ी सडक़ का टेंडर जारी हो गया अब काम प्रारंभ होने का इंतजार है।
ब्यौहारी : बाणसागर से पानी लाने प्रोजेक्ट का इंतजार-
बाणसागर डैम का पानी पेयजल के साथ ही सिंचाई के लिए खेतों तक पहुंचाने का लक्ष्य विधायक शरद कोल ने रखा है। वे बताते हैं कि एक साल में इस दिशा में बड़ा काम हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहडोल जिले को बाणसागर का पानी देने की घोषणा की है। ब्यौहारी में आईटीआई, पपौंध में डिग्री कॉलेज, ब्यौहारी से गोदावल पहुंच मार्ग का निर्माण, ब्यौहारी में कामर्शियल काम्प्लेक्स और निपनिया में मिनी सीएचसी सहित अन्य कार्यों का लक्ष्य भी तय किया है। इनमें अधिकांश के प्रस्ताव तैयार हो गए हैं।
जैतपुर : बांध निर्माण में किसानों को समस्या-
जैतपुर विधानसभा में सबसे बड़ी समस्या खेतों को सिंचाई के लिए पानी की है। विधायक जैतपुर जयसिंह मरावी बताते हैं कि पिछले साल दो जलाशय निर्माण का लक्ष्य रखा था। इसमें मरखी जलाशय और चौकडिय़ा जलाशय शामिल है। मरखी जलाशय के विरोध में किसान ही सामने आ गए और चौकडिय़ा जलाशय को कुछ दिन पहले ही मंजूरी मिली है तो यहां भी किसानों के विरोध की बात कही जा रही है।
Created On :   28 Dec 2024 3:15 PM IST