Shahdol News: सोन नदी पर 21.80 करोड़ रूपए की लागत से होना है बैराज निर्माण

सोन नदी पर 21.80 करोड़ रूपए की लागत से होना है बैराज निर्माण
  • भोपाल में 18 माह से अटकी फाइल
  • भास्कर पड़ताल : सांसद, विधायक की अनुशंसा भी नहीं आई काम
  • इस डैम में पानी का भराव एसईसीएल की अंडरग्राउंड कोयला खदानों से निकलने वाले पानी से होता है।

Shahdol News: शहर में सवा लाख से ज्यादा की आबादी को गर्मी में पेयजल समस्या से निजात दिलाने के लिए 21.80 करोड़ रूपए की लागत से सोन नदी पर बैराज निर्माण की फाइल भोपाल में 18 माह से अटकी है। खनिज प्रतिष्ठान मद से राशि स्वीकृत किए जाने के लिए तत्कालीन कलेक्टर वंदना वैद्य ने 10 मार्च 2023 को आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल को चिट्ठी लिखी, इसमें स्थानीय सांसद हिमाद्री सिंह और तत्कालीन विधायक जयसिंह मरावी की अनुशंसा का पत्र भी भेजा गया। उम्मीद जताई जा रही थी जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा और शहर की जरूरतों को ध्यान रखते हुए राशि जल्द मंजूर होगी। ऐसा नहीं होने से नागरिकों को पेयजल उपलब्धता की चिंता सता रही है।

शहर को मिल रहा जरूरत का आधा पानी

शहर में पेयजल की आपूर्ति सरफा स्थित डैम से होती है। इस डैम में पानी का भराव एसईसीएल की अंडरग्राउंड कोयला खदानों से निकलने वाले पानी से होता है। सरफा डैम के ऊपर ज्यादा पानी स्टोरेज के लिए बनाए गए पाये में सात पाये 23 अगस्त को तेज बारिश में टूट गए। इससे यहां कम पानी का स्टोरेज हो पा रहा है। इसका नुकसान यह हुआ इंटकवेल में कम पानी के कारण फिल्टर प्लांट तक पर्याप्त पानी पहुंचाने में समस्या हुई। इसका असर शहर में पेयजल आपूर्ति पर पड़ा और शहर को जरूरत का आधा पानी ही मिल रहा है।

मुख्यमंत्री से की है चर्चा: विधायक

जयसिंहनगर विधायक मनीषा सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया कि सोन नदी पर बैराज निर्माण के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से चर्चा की है। उन्होंने यह भी बताया था कि डीएमएफ की राशि अब संबंधित जिले को सीधे जाएगी। अगर बैराज का बजट ज्यादा है तो इसके लिए प्रयास करेंगे कि राशि जल्द मंजूर हो जाए। विधानसभा के विजन डाक्यूमेंट में भी बैराज निर्माण प्राथमिकता में है। यह इसलिए भी जरूरी है कि क्योंकि इस बार ही बारिश में सरफा डैम का पाया टूट जाने के बाद पानी स्टोरेज कम होने से नागरिकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

बैराज नहीं बनने से ऐसे बढ़ेगी परेशानी

कोल माइंस में कर्मचारियों की हड़ताल व कोयला खदान बंद हो जाने के बाद पानी निकासी बंद हो जाएगी। इसका असर सरफा डैम में पानी स्टोरेज पर पड़ेगा। पूर्व में ऐसा भी हुआ है कि बीच में किसानों द्वारा फसल सिंचाई के लिए नदी से ज्यादा पानी लेने के बाद डैम में पानी का स्टोरेज कम हो जाता है। इससे शहर में पानी की आपूर्ति पर असर पड़ता है। गर्मी के मौसम में हर साल मिठौरी डैम से पानी सरफा नदी में छोडऩे की नौबत आती है। इससे शहर को पीने का पानी मिलता है।

Created On :   10 Oct 2024 8:14 AM GMT

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