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शहडोल: निर्देश के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई तो सीएमएचओ ने उतारी टीम
- तो क्या सभी बीएमओ की शह पर जिले में सज रहीं झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें?
- स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला स्तर से शुरु की गई कार्रवाई में चौंकाने वाले हालात सामने आ रहे हैं।
- विभाग द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद पंजीयन की प्रक्रिया शुरु कराई गई।
डिजिटल डेस्क,शहडोल। जिले में चल रहे अवैध क्लीनिक तथा बिना अनुमति के संचालित हो रहे पैथालॉजियों के साथ झोला छाप डॉक्टरों पर कार्रवाईयां की जा रही हैं। पिछले एक पखवाड़े के दौरान जिले में 14 अवैध क्लीनिक एवं 6 ऐसी पैथालॉजियों को सील किया जा चुका है, जो बिना अनुमति के चल रही थीं।
कार्रवाई अभी जारी है। जिला स्तरीय टीम द्वारा की जा रही कार्रवाई के दौरान सामने आ रहे झोला छाप डॉक्टरों की फौज को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि यह सब संबंधित खण्ड चिकित्साधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत का नतीजा है कि इतनी बड़ी संख्या में अवैध क्लीनिक व पैथालॉजियों का संचालन मिल रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा कई बार पत्रों के माध्यम से सभी बीएमओ को झोलाछाप चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए, लेकिन उनके द्वारा आज तक कार्रवाई नहीं की गई, जो यह साबित कर रहा है कि जिले भर में सभी बीएमओ की मिलीभगत से ही अवैध कारोबार संचालित हो रहे हैं।
अस्पतालों के सामने ही सजीं झोलाछापों की क्लीनिक
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला स्तर से शुरु की गई कार्रवाई में चौंकाने वाले हालात सामने आ रहे हैं। जिला मुख्यालय शहर में ही अस्पताल के सामने और अन्य जगहों पर दर्जन भर से अधिक बिना अनुमति के क्लीनिकों का संचालन पाया गया।
विभाग द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद पंजीयन की प्रक्रिया शुरु कराई गई। सोहागपुर गढ़ी में बंगाली डॉक्टर की क्लीनिक सजी हुई है। पपौंध में जहां सरकारी अस्पताल में सुविधा नहीं वहां 40 से अधिक मेडिकल दुकानें केवल झोलाछाप के भरोसे चल रही हैं।
ब्यौहारी में अस्पताल के सामने, जैतपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने अवैध क्लीनिक चल रहे हैं। छतवई में उप स्वास्थ्य केंद्र के सामने, गोहपारू के बरमनियां रोड में, जयसिंहनगर, बुढ़ार व धनपुरी में झोलाछाप की भरमार है।
झींकबिजुरी में तो चल रहा अस्पताल व होते हैं ऑपरेशन
झींकबिजुरी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने चौकी के पास बंगाली डॉक्टर द्वारा तो बकायदे मिनी अस्पताल खोलकर रखा गया है। सूत्रों की मानें तो यहां मरीजों को भर्ती कर ऑपरेशन तक किए जाते हैं। विगत महीने टीम जब कार्रवाई के लिए पहुंची तो अभद्रता तक की गई, राजनैतिक दवाब तक आया। सूचना के बाद पुलिस से कोई सहयोग नहीं मिला। इसी प्रकार ब्यौहारी में गलत इंजेक्शन से वृद्ध की मौत के बाद हंगामा हुआ, पुलिस ने मर्ग कायम किया, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया गया।
सूची बनाकर बीएमओ क्यों नहीं सौंपते अपनी रिपोर्ट
वर्तमान में हो रही कार्रवाई के दौरान बड़े पैमाने पर बिना अनुमति के क्लीनिक संचालित मिल रहे हैं। जाहिर है ऐसे अवैध संस्थान लंबे समय से संचालित होते आ रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि संबंधित बीएमओ द्वारा कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
समय-समय पर जिला स्तर से जारी निर्देशों के बाद भी झोलाछाप चिकित्सकों की सूची बनाकर क्यों नहीं सौंपी जाती? ऐसे में कहा जा रहा है कि संबंधित बीएमओ की सांठगांठ से ही अवैध क्लीनिक व पैथालॉजी चल रहे हैं, जिन्हें पुलिस और राजनीतिक लोगों का भी संरक्षण मिला हुआ है।
- बिना अनुमति के संचालित क्लीनिक व पैथालॉजियों पर कार्रवाई जारी है। जिन बीएमओ के क्षेत्र में अवैध संचालन पाया जा रहा है, उन्हें शीघ्र ही नोटिस जारी की जाएगी।
डॉ. एके लाल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
Created On :   27 July 2024 6:51 PM IST