शहडोल: छत्तीसगढ़ की टीपी ने एमपी में बढ़ाई कोयला तस्करी

छत्तीसगढ़ की टीपी ने एमपी में बढ़ाई कोयला तस्करी
  • खनिज परिवहन के लिए जारी टीपी में वैधता समय नहीं होने से एमपी में गलत लाभ उठा रहे तस्कर
  • डंपिंग साइट पर टीपी में समय और तारीख लिखने का नियम है
  • टीपी के मामले में मध्यप्रदेश में व्यवस्था पारदर्शी है।

डिजिटल डेस्क,शहडोल। कोयला तस्करी के खेल में छत्तीसगढ़ की टीपी (ट्रांजिट पास) सिस्टम का नाजायज लाभ मध्यप्रदेश के तस्कर उठा रहे हैं। छत्तीसगढ़ से जारी होने वाली टीपी में दूरी अनुसार कितने समय तक टीपी वैध माना जाएगा इस बात का उल्लेख नहीं होता है।

इससे मध्यप्रदेश के कोयला खदानों के आसपास से चोरी का कोयला छत्तीसगढ़ की टीपी के सहारे डंप साइट तक पहुंचा दिया जाता है। बतादें कि टीपी के मामले में मध्यप्रदेश में व्यवस्था पारदर्शी है।

यहां जारी होने वाली टीपी में लगभग 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे के अनुपात पर कोयला उठाव स्थान से डंप साइड की दूरी अनुसार टीपी कब तक वैध रहेगा इसका भी उल्लेख कर दिया जाता है।

गड़बड़ी पकडऩा मुश्किल-

एसईसीएल की कोरबा, कुसमुंडा, गेवरा व अन्य कोयला खदानों से कोयला लेकर मध्यप्रदेश में अलग-अलग स्थानों तक आने वाले ट्रकों की जांच में पता चला कि छत्तीसगढ़ की टीपी में वैधता समय का जिक्र नहीं है। अमलाई थाना प्रभारी जेपी शर्मा ने बताया कि एक बार वैध परिवहन फिर उसी टीपी पर दोबारा अवैध परिवहन होगा तो पकडऩा मुश्किल हो जाता है।

ऐसे समझें तस्करी का खेल-

उदाहरण के लिए छत्तीसगढ़ से एक ट्रक कोयला लेकर कटनी में किसी स्थान पर डंप करना है। वहां डंप करने के दौरान टीपी में कुछ भी अंकित नहीं किया गया और वही ट्रक वापस आकर शहडोल जिले के बुढ़ार, अमलाई के आसपास से चोरी का कोयला लेकर दोबारा कटनी चला जाएगा और वहां कोयला डंप कर देगा। यह परिवहन पूरी तरह से अवैध होगा लेकिन बीच में किसी ने पूछा तो छत्तीसगढ़ की उसी टीपी को दिखा दिया जाएगा और ऐसे में तस्करी को पकडऩा किसी चुनौती से कम नहीं होता।

वैलिडिटी समय होने से कार्रवाई में होगी आसानी-

छत्तीसगढ़ से जारी होने वाली टीपी में वैधता समय का जिक्र नहीं होता है। हालांकि डंपिंग साइट पर टीपी में समय और तारीख लिखने का नियम है, अगर वहां दर्ज नहीं किया गया तो टीपी की वैलिडिटी की जांच मुश्किल हो जाएगी। जरूरी है कि मध्यप्रदेश की तरह ही व्यवस्था छत्तीसगढ़ में भी लागू हो जाए तो यहां कोयला तस्करी पकडऩा आसान हो जाएगा।

देवेंद्र पटले (माइनिंग अधिकारी शहडोल)

Created On :   20 May 2024 7:18 PM IST

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