मुख्यमंत्री रहते फेसबुक से सरकार चला रहे थे ठाकरे

मुख्यमंत्री रहते फेसबुक से सरकार चला रहे थे ठाकरे
राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कसा तंज

डिजिटल डेस्क, पुणे। कोल्हापुर के दौरे पर आए राज्य के राजस्व एवं दुग्धोत्पादन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने मराठा आरक्षण के मसले पर शिंदे- फडणवीस और पिछली ठाकरे सरकार के प्रयासों की तुलना करते हुए तंज कसा कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री रहते हुए फेसबुक से ही अपनी सरकार का कामकाज चला रहे थे। जब देवेन्द्र फड़णवीस मुख्यमंत्री थे तो मराठा समुदाय के आरक्षण का मसला कोर्ट तक चला गया। हालांकि, पिछले ढाई साल में महाविकास आघाड़ी ने सुप्रीम कोर्ट को जरूरी दस्तावेज मुहैया नहीं कराए। इसलिए मराठा समुदाय का आरक्षण रद्द कर दिया गया। शिंदे-फडणवीस सरकार मराठा और धनगर समुदाय के लिए आरक्षण की जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ेगी। फिलहाल सारथी जैसी संस्था बनाकर मराठा समुदाय के युवाओं को आर्थिक सहायता दी जा रही है।

मीडिया से की गई बातचीत में विखे-पाटिल ने कहा, 'सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए काम कर रही है। इस समुदाय के बच्चों को भी बड़ी मदद दी जा रही है। धनगर समाज को आरक्षण का अधिकार है, उन्हें यह दिया जाना चाहिए। सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं रही है। बकरी-भेड़ सहकारी निगम के माध्यम से धनगर समाज को दस हजार करोड़ रुपये दिये जायेंगे। इससे धनगर समाज निश्चित ही आत्मनिर्भर बनेगा। छात्रों को स्कूल सर्टिफिकेट देने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सर्वर डाउन होने के कारण उन्हें समय पर प्रमाण पत्र नहीं मिल पाता है। इसका स्थाई समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।

पवार- आव्हाड के बयान महत्वपूर्ण नहीं

राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता अजित पवार ने एकनाथ शिंदे की आलोचना करते हुए उन्हें सबसे असफल मुख्यमंत्री बताया। इस बारे में बात करते हुए विखे-पाटिल ने कहा, 'राष्ट्रवादी के नेताओं की अजीब स्थिति हो गई है। नेता से लेकर कार्यकर्ता तक कुछ भी कहते फिरते हैं। इसलिए अजित पवार या जीतेंद्र आव्हाड क्या कहते हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण नहीं है। एक सवाल के जवाब में विखे ने कहा, पूर्व सांसद राजू शेट्टी को तबादलों में पैसे लेने का उदाहरण दिखाना चाहिए। प्रदेश में राजस्व विभाग में तबादले बहुत पारदर्शिता से किये गये हैं। शेट्टी जैसे व्यक्ति द्वारा इस तरह के आरोप लगाने की उम्मीद नहीं की जा सकती।

गोकुल के खिलाफ कार्रवाई के संकेत

जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक (गोकुल) संघ में कुव्यवस्था की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है। प्राथमिक तौर पर जहां अनियमितताएं दिख रही हैं, संघ से उनका जवाब मांगा गया है। यह बताकर दुग्ध विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने चेतावनी दी कि अगर इसके बाद भी यह अनियमितता दिखी तो 'गोकुल' के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। निदेशक शौमिका महाडिक ने गोकुल में कुछ मामलों में कुव्यवस्था की शिकायत की थी। इसी के तहत गोकुल में विशेष ऑडिट कराया गया है। उनकी रिपोर्ट शासन तक नहीं पहुंची है। यह रिपोर्ट तत्काल शासन को भेजने को कहा गया है।

दरवृद्धि का रोना रोना बंद करे दुग्ध संघ

कोई भी दुग्ध संघ या संगठन महाराष्ट्र में दूध बेचने या खरीदने से नहीं रोक सकता। अमूल भी सहकारी समितियों का एक फेडरेशन है न कि कोई निजी संस्था। अमूल किसानों को प्रति लीटर 40 रुपये का भुगतान करता है। जबकि महाराष्ट्र में दुग्ध संघ 32 रुपये की दर से भुगतान करते हैं। अमूल और अन्य दूध सिंडिकेट से प्रतिस्पर्धा के बिना, किसानों के दूध को अच्छी कीमत नहीं मिलेगी। डेयरी संघों और संगठनों को यह शोर मचाना बंद कर देना चाहिए कि पशु आहार की कीमतें बढ़ गई हैं क्योंकि कच्चे माल की कीमतें बढ़ गई हैं। आप दूध के दाम बढ़ा देते हैं और फिर तुरंत चारे के दाम बढ़ा देते हैं। इसलिए किसानों के हाथ में कुछ नहीं बचता है। हालाँकि, जब दूध का विक्रय मूल्य बढ़ता है, तो चारे की कीमत कम करने के बजाय उसे वही रखा जाता है। यह सब अब रुकना चाहिए, यह भी विखे पाटिल ने कहा।

Created On :   1 July 2023 6:19 PM IST

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