दर्दनाक हादसा: 300 फीट गहरे टनल में गिरने से दो किसानों की मौत

  • पुणे के इंदापुर तालिका
  • हुआ भीषण हादसा

डिजिटल डेस्क, पुणे। जिले के इंदापुर तालुका के काझड़ अकोले इलाके में नीरा भीमा जल परियोजना की 300 फीट गहरी सुरंग में दो किसान गिर गए। इन दोनों की तलाश के लिए पुलिस और प्रशासन तुरंत मौके पर आ गया। हालाँकि बचाव दल उन्हें बचाने में नाकाम रहा। बुधवार शाम को यह घटना घटी जिसमें देर रात करीब 11:30 बजे उनके शव बाहर निकाले गए। गुरुवार की सुबह गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार किया गया। दोनों किसानों के नाम अनिल नरूटे (उम्र 35) और रतिलाल नरूटे (उम्र 55) हैं। वे दोनों चाचा भतीजे हैं और इंदापुर तालुका के काझड़ के रहने वाले हैं। इस घटना से पूरे गांव में शोक व्याप्त है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, ये दोनों किसान चाचा भतीजे टनल में स्थापित विद्युत पंप का निरीक्षण करने के लिए लाकड़ी कलस मार्ग पर परियोजना की 'खुली जगह' से गुज़रे थे। इस पंप से पानी आना बंद हो जाने के कारण ये दोनों वहां गये थे। इस बीच देर शाम होने के बाद भी ये दोनों घर नहीं लौटे। तो उनके घरवाले उन्हें खोजने के लिए मौके पर पहुंचे। हालाँकि, उनका कोई पता नहीं चला। इसी बीच पानी नहीं आने के कारण इलेक्ट्रिक पंप का निरीक्षण करने के लिए नीचे उतरते समय दोनों 300 फीट गहरी टनल में गिर गये। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद इंदापुर के तहसीलदार श्रीकांत पाटिल, निवासी तहसीलदार अनिल थोम्ब्रे, भिगवान पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक दिलीप पवार, वालचंदनगर पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक विक्रम सालुंखे और उपनिरीक्षक अतुल खंडारे मौके पर पहुंचे।

दोनों चाचा भतीजे को खोजने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया, इसके लिए लोनी एमआईडीसी से क्रेन मंगवाई गई। चूंकि यह सुरंग करीब 300 फीट गहरी है, इसलिए बचाव अभियान में काफी समय लगा। पहले क्रेन की मदद से एक झूला छोड़ा गया और फिर दोबारा बाहर निकाला गया। उस समय देखा गया कि झूला थोड़ा झुका हुआ था। इसलिए उसे इस बार बांधकर फिर नीचे छोड़ दिया गया। राहुल नरूटे, हनुमंत वीर, रंजीत नरूटे नामक तीन स्थानीय युवक क्रेन की मदद से राहत कार्य के लिए सुरंग में उतरे थे। यह सुरंग करीब 23 किलोमीटर लंबी है और मराठवाड़ा तक पानी ले जाने की महत्वाकांक्षी योजना है। इसके 19 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है और जिस जगह हादसा हुआ, वहां का काम तीन साल पहले पूरा हो चुका है। इस इलाके में किसान सुरंग में उतर रहे हैं। मई 2023 में उन्हें सुरंग में उतरने से रोकने के लिए बारामती लोकनिर्माण उपविभाग की ओर से एक लिखित अपील जारी की गई थी। हालाँकि किसान इसे नजरअंदाज कर रहे हैं, ऐसा उपविभागीय अभियंता योगेश शिंगाडे ने बताया।

Created On :   23 Nov 2023 3:13 PM GMT

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