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Pune News: सैर के बहाने से मकान मालिक को किया अगवा, मांगी 1 करोड़ की फिरौती
- विमान झारखंड ले जाकर गंगा नदी में एक द्वीप पर किया कैद
- झारखंड पुलिस की मदद से कराई सुरक्षित रिहाई
- सीसीटीवी की मदद से आरोपी तक पहुंची पुलिस
Pune News सैर सपाटे के बहाने अपने मकान मालिक को ही अगवा कर उसके घरवालों से एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई। अगवा करने के बाद मकान मालिक को विमान से सीधे झारखंड ले जाया गया और गंगा नदी में एक द्वीप पर उतारा गया और वहीँ उन्हें कैद कर लिया। इसके बाद उनके पुत्र को फोन किया और फिरौती मांगी। यह चौंकाने वाली घटना का खुलासा होते ही तुरंत हरकत में आयी पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस ने झारखंड पुलिस के साथ जॉइंट ऑपरेशन चलाया और अपहृत घर के मालिक को बचा लिया। यह घटना वाकड के विनोदे बस्ती में हुई।
इस ऑपरेशन में बचाए गए व्यक्ति की पहचान यशवंत विनोदे ( 55) विनोदे बस्ती, वाकड, पुणे के रूप में की गई है। इस मामले पुलिस ने नसीम मनिरुल हक अख्तर ( 20) निवासी धरमपुर, तिनमुहानी, पश्चिम बंगाल, लल्लू रुस्तम शेख ( 45) निवासी अमानत दियारा, राधानगर, साहेबगंज, झारखंड, साजिम करीम बब्लू शेख ( 20) निवासी चक्कुटोला, मोथलवाड़ी, जिला मालदा, पश्चिम बंगाल नामक आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से 70 हजार रुपये कीमत के पांच मोबाइल फोन बरामद किये गये हैं। इस ऑपरेशन के दौरान तीनों आरोपी गंगा नदी में कूदकर भागने में सफल रहे। इनमें से आरोपी साजिम को कल्याण से गिरफ्तार किया गया। इस मामले में ओंकार विनोदे ( 35) ने हिंजवड़ी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।
क्या है पूरा मामला : पुलिस के अनुसार, वादी ओमकार बिल्डर है, उनके पिता यशवन्त के नाम पर एक चाल है और उन्होंने कई कमरे किराये पर दिये हुए हैं। आरोपियों में से एक नारियल विक्रेता है और विनोदे के कमरे में किरायेदार के रूप में रहता है। 18 अक्टूबर को ओमकार ने फिरौती रोधी दस्ते और औद्योगिक शिकायत निवारण कक्ष के अधिकारियों से मिलकर बताया कि उनके पिता यशवंत 17 अक्टूबर से घर पर नहीं हैं और किसी ने उनके पिता के मोबाइल फोन से उन्हें फोन किया और 1 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी। पैसे न देने और पुलिस के पास जाने पर पिता को जान से मारने की धमकी भी दी। इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत शिकायत दर्ज कराई गई।
पिता को अगवा कर पुत्र से मांगी फिरौती : छानबीन के लिहाज से फिरौती रोधी दस्ते के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक देवेंद्र चव्हाण, यूनिट चार के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संदीप सावंत और गुंडा रोधी दस्ते के प्रमुख के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। जांच में पाया गया कि अपहृत यशवंत को पर्यटन के बहाने एक नारियल पानी विक्रेता, जो उसका किरायेदार था, ने कोलकाता ले गया। पुणे एयरपोर्ट पर सीसीटीवी कैमरे की जांच कर कोलकाता जाने वाली फ्लाइट के यात्रियों से संदिग्धों के बारे में जानकारी ली गई। फौजदार सुनील भदाणे, अशोक जगताप, प्रदीप गोदांबे, मंगेश जाधव और रामदास मोहिते को अपहृत आरोपियों की तलाश के लिए झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों में भेजा गया। इसी बीच आरोपी ओमकार ने अपने पिता के फोन से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगे जाने और पुलिस के पास जाने पर पिता को जान से मारने की धमकी देने की शिकायत की। रात 10 बजे तक रुपये लेकर कहां आना है बताया जायेगा कहकर फोन रख दिया।
गंगा नदी के गोलढाबा द्वीप से छुड़ाया : इसके बाद शाम साढ़े सात बजे दोबारा आरोपी ने फोन किया और पैसे लेकर आधे घंटे में पुणे रेलवे स्टेशन पर पहुंचने को कहा और फिर फोन बंद कर दिया। चूँकि ओंकार को लगातार रंगदारी के लिए कॉल आ रहे थे, इसलिए पुलिस आयुक्त विनय कुमार चौबे ने पुलिस अधीक्षक, मालदा, (पश्चिम बंगाल) और साहिबगंज (झारखंड) से संपर्क किया और उन्हें पंजीकृत अपराध के बारे में सूचित किया और जांच में मदद की मांग की। तदनुसार, अपराध शाखा की एक टीम के साथ-साथ झारखंड पुलिस की एक टीम ने रात के अंधेरे में नाव से गंगा नदी और दलदल में पैदल यात्रा करके पलचगा के प्राणपुर, बानूटोला और गोल ढाब घाटियों में आरोपियों का पता लगाया। सुबह पांच बजे गंगा नदी बेसिन के गोलढाब द्वीप पर छापा मारकर यशवंत को सुरक्षित बचा लिया गया।
Created On :   21 Oct 2024 8:51 PM IST