महिलाओं की टीम संभाल रही है पुणे मेट्रो की दारोमदार

महिलाओं की टीम संभाल रही है पुणे मेट्रो की दारोमदार
7 महिलाएं मेट्रो की लोको पायलट; 6 पर मेट्रो स्टेशनों के प्रबंधन की जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क, पुणे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हालिया पुणे मेट्रो के रूट्स पर मेट्रो को हरी झंडी दिखाई गई। पुणे और पिंपरी चिंचवड़ में दो रूट्स पर पूरी क्षमता से मेट्रो ट्रेनें दौड़ने लगी हैं। आपको यह जानकार ताज्जुब होगा कि पुणे मेट्रो की दारोमदार महिलाओं की एक बड़ी टीम संभाल रही है। कुल लोको पायलट 7 महिलाएं मेट्रो चला रही हैं, जबकि 6 महिलाएं मेट्रो स्टेशनों के प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।खास बात यह है कि सभी मेट्रो स्टेशनों का प्रबंधन भी एक महिला द्वारा ही किया जा रहा है।

साल 2022 की तारीख 6 मार्च को मोदी ने खुद पुणे मेट्रो की वनाज से गरवारे और पिंपरी चिंचवड़ से फुगेवाड़ी लाइनों का उद्घाटन किया था। उसके ठीक डेढ़ साल बाद, 1 अगस्त को मोदी ने गरवारे कॉलेज से रूबी हॉल और पिंपरी चिंचवड़ से सिविल कोर्ट तक विस्तारित मार्गों का उद्घाटन किया। अब तक एक अकेली महिला ड्राइवर को मेट्रो चलाने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन अब 13 महिलाएं काम कर रही हैं। सहायक प्रबंधक सुमेधा मेश्राम सभी मेट्रो स्टेशनों के प्रबंधन की देखरेख करती हैं। उन्होंने कहा कि सभी महिलाएं प्रशिक्षित ड्राइवर हैं। प्रधानमंत्री द्वारा विस्तारित मार्ग का उद्घाटन करने के दिन से ही महिला मेट्रो को चला रहे हैं।

इसके अलावा दो महिलाएं दो स्टेशनों का प्रबंधन कर रही हैं। स्टेशन प्रबंधन का मतलब है कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार हैं कि मेट्रो के आगमन के समय सहित स्टेशनों पर अन्य सभी परिचालन समय पर, व्यवस्थित और बिना किसी बाधा के हों। मेट्रो चलाने वाली महिलाओं में से एक सातारा की है। उनका नाम अपूर्व अल्टकर है। अपूर्वा के पिता एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं और मां गृहिणी हैं। अपूर्वा के दो भाई-बहन हैं। 10वीं कक्षा पास करने के बाद उन्होंने सोलापुर के गवर्नमेंट कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने सातारा के ज्ञानश्री इंस्टीट्यूट से बीई मैकेनिकल में स्नातक किया।

पढ़ाई पूरी करने के बाद वह पुणे में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर रही थीं, लेकिन कोरोना में उनकी यह नौकरी छूट गई। वहीं, पुणे मेट्रो में टीसी, लोको पायलट, कंट्रोलर के पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। अपूर्वणे ने आवेदन किया, परीक्षा उत्तीर्ण की। उत्तीर्ण। 24 फरवरी को उन्हें पुणे मेट्रो की पहली महिला लोको पायलट के रूप में चुना गया था। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उन्होंने 1 अगस्त को रूबी हॉल क्लिनिक से वनाज स्टेशन मेट्रो चलाई। अब वह नियमित चालक के तौर पर काम कर रही हैं। अन्य महिला ड्राइवरों को भी मेट्रो चलाने का यही अनुभव है। महामेट्रो ने उन्हें प्रशिक्षित किया है। वे सभी अब कार्यरत हैं। वे ड्यूटी के अनुसार मेट्रो चलाते हैं। उन्हें नियमित काम दिया जाता है। स्टेशन प्रबंधन संभालने वाली सुमेधा ने कहा कि सभी महिला ड्राइवरों के साथ-साथ स्टेशन प्रबंधकों का अनुभव बहुत अच्छा है। ये सभी जिम्मेदारी से काम करते नजर आ रहे हैं।

Created On :   5 Aug 2023 7:19 PM IST

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