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शिविर: चाहे कितनी सीटों पर जीत का दावा करें- देश में भाजपा के अनुकूल तस्वीर नहीं
- शिर्डी के शिविर में राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार का दावा
- पवार ने कहा - देश में भाजपा के अनुकूल तस्वीर नहीं
डिजिटल डेस्क, पुणे। पांच राज्यों के चुनावों के नतीजों के बाद भाजपा के हौसले बुलंद हैं, 'मोदी की गारंटी' का प्रचार मंत्र लेकर लोकसभा चुनाव में 415 सीटें जीतने का दावा किया जा रहा है। इस पर शिर्डी में चल रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस के शिविर में मार्गदर्शन करते हुए पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने भाजपा को आइना दिखते हुए कहा कि, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, नई दिल्ली, पंजाब में भाजपा नहीं है। गोवा, मध्य प्रदेश में सरकारें गिराकर सत्ता हासिल की। अब भाजपा वाले लोकसभा की 415 सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं। वे चाहे 415 सीटें जीतने का दावा करें या 500 सीटें, लेकिन आज देश में भाजपा के लिए तस्वीर अनुकूल नहीं है। यही हकीकत है, ऐसा भी पवार ने कहा। शरद पवार ने कहा, आज देश के 25 साल से कम उम्र के 42 फीसदी युवा बेरोजगार हैं। जनत महंगाई की मार झेल रही हैं। देश की अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में है। इस देश का किसान इस देश का अन्नदाता है, वह कई चीजों को लेकर संकट में है। बेमौसम बारिश से खेती को नुकसान हुआ है। कृषि क्षेत्र से मानव का विकास बढ़ा है। जनसंख्या बढ़ी. जैसे-जैसे शहर बढ़े हैं, ज़मीन ख़त्म होती गई है। किसानों की हालत बहुत गंभीर हो गई है। कृषि पर बोझ कम करने के लिए नीति बनाने की जरुरत देश में चीनी, कपास, सोयाबीन, प्याज की कीमत कम है। कृषि पर भी प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. शरद पवार ने कहा कि प्याज निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाया गया, चीनी निर्यात पर शुल्क लगाया गया।
कुछ लोग संसद में घुस गए। वे कुछ सवालों के जवाब मांग रहे थे। बाद में सदन को बंद कर दिया गया। इस पर हमारे सांसदों, प्रधानमंत्री या गृह मंत्री को इस संबंध में समीक्षात्मक जानकारी संसद को देने की मांग की लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। विपक्षी दलों की जिद और आक्रामकता का नतीजा 146 सांसदों के निलंबन के रूप में देखा गया। शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नीति निर्माण पर हमला बोलते हुए भाजपा की नीति को धोखेबाज बताया। आज देश में बेचैनी, अस्वस्थता है। सत्ता भाजपा और उसके सहयोगियों के हाथ में है। उन्होंने हर राज्य में प्रचार के लिए आक्रामक अभियान खड़ा कर दिया है। जर्मनी में हिटलर की गोएबल्स नीति की चर्चा की तरह ही भाजपा द्वारा जनमानस में झूठ पर आधारित कई बातें फैलाने का काम किया जा रहा है।
शरद पवार ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि, भाजपा ने कई कार्यक्रमों की घोषणा करके और उन्हें लागू न करके लोगों को धोखा देने का काम किया है। मोदी बहुत कम संसद आते हैं। जब आते हैं तो ऐसी नीति बताते हैं कि सांसद भी कुछ देर के लिए हैरान रह जाते हैं। घोषणाएं तो बहुत होती हैं, अमलबाजी का नामोनिशान नहीं है। संसद में 2016-17 का बजट पेश किया गया. कहा कि 2022 तक देश में किसानों की आय दोगुनी हो जायेगी। अब 2024 आ गया है, लेकिन कुछ न हुआ। मोदी ने एक बार संसद में कहा था कि 2022 तक शहरी इलाकों में लोगों को पक्के मकान मुहैया करा दिये जायेंगे, लेकिन यह घोषणा हवा में ही रह गयी। मोदी कहते हैं उनकी बात की गारंटी है, लेकिन यह सच नहीं है। उन्होंने कई बार इसका अनुभव किया है। धर्म के मुद्दे पर भाजपा को घेरते हुए सरकार पर किसानों के मुद्दे पर गंभीर न होने का आरोप भी उन्होंने लगाया।
मराठा आरक्षण पर शरद पवार ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, राष्ट्रवादी कांग्रेस ने सार्वजनिक रुख अपना लिया है कि मराठा आरक्षण, धनगर आरक्षण, मुस्लिम आरक्षण, लिंगायत आरक्षण, सभी समूहों की युवा पीढ़ी को मदद की जरूरत है। उसके लिए आरक्षण देना होगा। पिछले कुछ सालों से मराठा आरक्षण की मांग हो रही है। इस मांग को पूरा करें लेकिन अन्य ओबीसी समाज के साथ भेदभाव न किया जाए। यह किसी की थाली से भोजन छीनने वाली भूमिका नहीं होनी चाहिए। मनोज जारंगे के बारे में पवार ने कहा कि मेरी और उनकी मुलाकात में उन्होंने मुझसे कहा.. सरकार से बातचीत चल रही है। बाद में राज्य सरकार ने उन्हें लिखित आश्वासन दिया। सरकार ने यह मांग मान ली थी कि आपके परिवार के सदस्यों समेत सभी को आरक्षण का लाभ मिलेगा। इसलिए मराठा समुदाय को आज ऐसा लगता है कि उनके साथ धोखा हुआ है। कहा जा रहा है कि मराठा आरक्षण को लेकर राज्य सरकार अगले चार-आठ दिनों में फैसला ले सकती है। जबकि कुछ दिन पहले चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि इसमें कम से कम एक साल लगेगा।
उधर मुख्यमंत्री ने 24 तारीख का समय दिया है, इस पर पवार ने संदेह जताया। बारामती में धनगर समाज की सभा में देवेंद्र फडणवीस ने कहा सरकार आने पर उन्हें आरक्षण देंगे। आज 9 साल हो गए उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया। हमारी सरकार के दौरान मुस्लिम समुदाय के लिए भी 5 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय लिया गया। उन्हें भी आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए, उसके लिए आरक्षण जरूरी है। बाद में सरकार बदल गई और मुसलमानों का आरक्षण ख़त्म हो गया। सरकार की भूमिका समाज के छोटे वर्गों की मदद करना बिलकुल नहीं है। फिलहाल तो चरों तरफ गाय और गोमूत्र ही नजर आ रहे हैं, यह तंज भी पवार ने कसा।
Created On :   4 Jan 2024 7:39 PM IST