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दो चीनी मिलों के बीच का अंतर कम करें या गन्ने को 5 हजार प्रति टन का भाव दें
डिजिटल डेस्क, पुणे। अगर पश्चिमी महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी रहे गन्ने को अच्छी कीमत मिलनी है तो केंद्र और राज्य सरकारों को दो चीनी मिलों के बीच दूरी की शर्त तुरंत खत्म करनी चाहिए। अगर सरकार दूरी की यह शर्त रद्द नहीं कर सकती तो गन्ने का दाम 5,000 रुपये प्रति टन किया जाना चाहिए। इस मुद्दे पर सड़कों पर उतरे बिना सरकार नींद से नहीं जागेगी। इसीलिए रणनीतिक लड़ाई का निर्माण करना है। किसान संघ के अध्यक्ष रघुनाथदादा पाटिल ने सांगली में मीडिया को बताया कि, इसके लिए पूर्व सांसद शरद जोशी की जयंती के अवसर पर 3 सितंबर को पंढरपुर में किसान सभा का आयोजन किया गया है।
इस किसान सभा में किसान संघ के अध्यक्ष रघुनाथदादा पाटिल, कार्यकारी अध्यक्ष कालिदास आपेट, क्रांति सिंह नाना पाटिल ब्रिगेड के अध्यक्ष शिवाजी नंदखिले, उपाध्यक्ष एडवोकेट अजीत काले, भारत राष्ट्र समिति के पश्चिमी महाराष्ट्र संयोजक बी. जे देशमुख, सहसंयोजक भागीरथ भालके मार्गदर्शन करेंगे। रघुनाथदादा पाटिल ने कहा, शरद जोशी का सपना सभी किसानों को सभी कर्जों और बिजली बिलों से मुक्ति दिलाना था, लेकिन वो सपना पूरा नहीं हो सका। उनके सपनों को साकार करने के लिए प्रदेश में हमारी लड़ाई जारी रहेगी। दो चीनी मिलों के बीच दूरी की शर्त को रद्द करने की जरूरत है। अगर सरकार दूरी की इस शर्त को रद्द नहीं कर सकती तो गन्ने की कीमत 5000 रुपये प्रति टन होनी चाहिए।
पाटील ने आगे कहा, प्याज पर निर्यात शुल्क में बढ़ोतरी ने प्याज किसानों को आत्महत्या के कगार पर खड़ा कर दिया है। प्याज को 50 रुपये प्रति किलो का दाम दें या सभी कृषि वस्तुओं पर निर्यात प्रतिबंध हटा दें। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, जो भारतीय संविधान में नहीं है, किसानों के लिए आर्थिक क्षति है। कृषि को नुकसान पहुंचाने वाले जानवरों से निपटने के लिए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम को निरस्त करना। कृषि अतिरिक्त दूध व्यवसाय उत्पादन लागत को ध्यान में रखते हुए भैंस के दूध को पेट्रोल जैसा और गाय के दूध को डीजल जैसा मूल्य मिलना चाहिए। सरकार को कबीलों और आदिवासियों को जमीन का मालिकाना हक देना चाहिए। तेलंगाना सरकार का पैटर्न महाराष्ट्र में लागू किया जाना चाहिए। किसानों की इस बैठक में सरकार के सिंचाई विभाग द्वारा नदी एवं नहरों का सिंचाई कर तत्काल रद्द किया जाये जैसे मुद्दों पर रणनीतिक निर्णय लेकर आंदोलन की दिशा तय की जायेगी
Created On :   29 Aug 2023 7:14 PM IST