जंगली जानवरों ने उड़ाई किसानों की नींद, लहलहाती फसलों में वन्यजीवों की धमाचौकड़ी, फसलें बर्बाद
डिजिटल डेस्क, अकोट। तहसील के खेतों में उग रही फसलों को जंगली जानवर चट कर रहे हैं। इस बर्बादी को रोकने का उपाय वनविभाग करें, ऐसी मांग किसानों की ओर से हो रही है। तहसील के कई क्षेत्र में नदियों और जंगल के आसपास वाले गांवों के खेतों में इन दिनों वन्यजीवों का आतंक किसानों के लिए भारी पड़ रहा है। जंगली जानवरों के झुंड खेतों में उग रही खरीफ की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। फसलों को उजाड़ने से बचाने के लिए किसानों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस के बाद भी हिरण, नीलगाय, बंदर और जंगली सुअरों के झुंड खेतों में घुसकर फसलें चट कर रहे हैं। उगी हुई फसल को रौंद रहे हैं। अकोट तहसील में जंगली जानवर, सुअर, हिरण नीलगाय, बंदर जैसे वन्यप्राणियों की संख्या बढ़ रही है। साथ खेतों में इन जंगली जानवरों का आंतक दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सैकड़ों की संख्या में वन्यजीव खेतों में घुसकर उगी हुई सोयाबीन, कपाशी, तुअर जैसी फसलो पर टूट पड़ रहे हैं। जिससे फसलों को काफी नुकसान हो रहा है। इस नुकसान मुआवजा किसानों को कभी नहीं मिलता। लिहाजा किसानों के सामने यह एक बड़ा संकट है। वनविभाग तुरंत ध्यान दें और जंगली जानवरों का बंदोबस्त करें, ऐसी मांग किसान कर रहे हैं।वैसे तो अकोट तहसील के सभी गांवों में किसान वन्यजीवों से परेशान है। लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी जंगल परिसर से सटे हुए खेतों में किसानों को झेलनी पड़ रही है। इस के अलावा अकोट तहसील अंतर्गत आने वाले पुंडा, बोर्डी, आसेगांव बाजार, सिरसोली, मुंडगांव, कुटासा, चोहोटटा, दनोरी, दिनोड़ा, केलीवेली, लोतखेड़, वरूर जऊलका, लोहारी, मुंडगांव, रौंदला, रूइखेड़, वडाली देशमुख, वडाली सटवाई इस परिसर में भी जंगली जानवरों के झुंड खेतों में घुसकर उगी हुई फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। जंगल से सटे इलाके में जानवरों से फसलों को नुकसान होने की शिकायतें अक्सर किसान करते हैं। वन क्षेत्र के गांवों में यह आम समस्या है। जंगली जानवरों से फसलों का बचाव करने के लिए वनविभाग कुछ भी नहीं करता, ऐसा किसानों का कहना है। फिर भी वनविभाग किसानों की इस समस्या को दूर करने के लिए कुछ उपाय करें, ऐसी मांग किसान कर रहे हैं।
Created On :   18 July 2022 5:39 PM IST