शिवसेना चाहे कुछ भी कहे, लेकिन सहियोगी दल चाहते हैं बीजेपी का ही सीएम

Whatever Shiv Sena say, but allies parties want CM from BJP
शिवसेना चाहे कुछ भी कहे, लेकिन सहियोगी दल चाहते हैं बीजेपी का ही सीएम
शिवसेना चाहे कुछ भी कहे, लेकिन सहियोगी दल चाहते हैं बीजेपी का ही सीएम

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच जारी खींचतान के बीच महायुति के घटक दलों की नजर मंत्री पद पर लगी है। महायुति के चारों घटक दलों ने भाजपा से चार मंत्री पद देने की मांग की है। महायुति के घटक दलों को शिवसेना का ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद का फार्मूला मंजूर नहीं है। सभी घटक दल चाहते है कि अगले पांच साल के लिए मुख्यमंत्री भाजपा का ही होना चाहिए। गुरुवार को भाजपा के सहयोगी व आरपीआई अध्यक्ष तथा केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले, राष्ट्रीय समाज पक्ष के मुखिया महादेव जानकर, रयत क्रांति संगठन के प्रमुख सदाभाऊ खोत और शिवसंग्राम के प्रमुख विनायक मेटे ने बैठक की। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में आठवले ने कहा कि भाजपा के चार सहयोगी दलों को एक-एक मंत्री पद मिलना चाहिए। इसके अलावा महामंडलों के अध्यक्ष व सदस्य पदों में महायुति के घटक दलों को हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। आठवले ने कहा कि विधानसभा चुनाव में जनादेश महायुति को मिला है। इसलिए भाजपा को शिवसेना को साथ में लेकर सरकार बनानी चाहिए। इसके लिए महायुति के घटक दल के सभी नेता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील से मुलाकात करेंगे। दोनों दलों को सरकार बनाने के लिए दो से तीन दिनों में फैसला करना चाहिए। 

आठवले ने कहा कि हम भाजपा से कैबिनेट और राज्य मंत्री पद की बजाय मंत्री पद मांग रहे हैं। चारों घटक दलों के लिए कैबिनेट मंत्री पद मांगा गया तो एक मिलने वाला होगा वह भी नहीं मिल पाएगा। इसलिए हम मंत्री पद की मांग कर रहे हैं पर हम चाहते हैं कि आरपीआई को एक कैबिनेट मंत्री पद दिया जाए। आठवले ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल में कुल 43 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं। इसलिए भाजपा को अपने सहयोगी दल शिवसेना को 15 मंत्री पद देने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। आठवले ने कहा कि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद के लिए बिना मतलब अनावश्यक आग्रह नहीं करना चाहिए। भाजपा के पास शिवसेना से दोगुने विधायक हैं। यदि भाजपा शिवसेना को उपमुख्यमंत्री पद देती है तो हमें कोई ऐतराज नहीं होगा। 

जनादेश स्वीकार करें शिवसेना: जानकर

प्रदेश के पशुपालन मंत्री जानकर ने कहा कि हम भाजपा के सहयोगी दल के रूप में महायुति में शामिल है। शिवसेना को जनता का जनादेश स्वीकार करना चाहिए। कृषि राज्य मंत्री खोत ने कहा कि जिस दल के विधायक ज्यादा हैं उसी दल के मुख्यमंत्री होते हैं। यह अब तक की परंपरा रही है। भाजपा और शिवसेना के बीच घर का झगड़ा है। हम लोग इस झगड़े को देख रहे हैं। हमें उम्मीद है कि दो से तीन दिन में विवाद सुलझ जाएगा। 
 

Created On :   31 Oct 2019 9:12 PM IST

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