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केरल में मौसम अनुकूल, विदर्भ में बादल गरजे ,प्रखर गर्मी की मार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। केरल में मौसम अनुकूल है। बारिश का इंतजार दो-तीन दिन में खत्म हो सकता है। विदर्भ के कई हिस्सों में बादल खूब गरजे, कड़के भी लेकिन राहत की बूंदे नहीं बरसी। लोग बारिश का इंतजार करते रहे और उमड़ते-घुमड़ते बादल थोड़ी देर में गायब हो गए। शुक्रवार को सुबह से ही प्रखर गर्मी ने हलाकान कर दिया है। गुरुवार को भी सुबह से ही सूर्य की तीखी किरणें लोगों को परेशान किए रहीं। दोपहर बाद करीब 3 बजे तेज हवाओं के साथ बौछारें पड़ीं, लेकिन इससे राहत मिलने की जगह उल्टे उमस में इजाफा ही हुआ।
धरती इतनी गर्म है कि वर्षा की बूंदें जमीन पर पड़ते ही भाप बन कर उड़ गईं। गुरुवार को भी पारा 47 डिग्री के आस-पास ही बना रहा। मौसम विभाग के अनुसार, अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 5 डिग्री ऊपर है। न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 2 डिग्री ऊपर 30.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। आर्द्रता अधिकतम 40 तथा न्यूनतम 32 प्रतिशत रिकार्ड हुई। सुबह से ही तीखी धूप और गर्म हवाएं चलती रहीं। यहां तक कि बौछारों के पहले और बाद में भी हवा में गरमाहट साफ दिखा। मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल विदर्भ को लू से राहत की संभावना नहीं है। 10 जून तक रेड अलर्ट पर रखा गया है।
बूंदे पड़ते ही भाप निकलने लगी
गुरुवार को दोपहर बाद आई तेज धूल भरी आंधी और हवा के झोंके के साथ बादलों ने गरजना शुरू किया। बिजली की कड़कड़ाहट भी रह-रह कर उठती रही। लगा तेज बौछारें शहर को पूरी तरह भिगो देंगी। बौछारें आईं भी, लेकिन कुछ मिनट बरसने के बाद शांत हो गई। वर्षा इतनी भर थी कि सड़कें भी भीग नहीं पाईं।
मानसून सत्र में अब तक 82 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज
विदर्भ में गुरुवार को हुई बारिश सामान्य से 82 प्रतिशत कम है। हालांकि मानसून विदर्भ में 10 जून के आस-पास ही प्रवेश करता है, लेकिन मई के अंतिम सप्ताह में मानसून पूर्व की हलचलें तेज हो जाती हैं। इसमें तेज बौछारें भी पड़ती हैं। इस साल मानसून पूर्व की हलचलें जून के प्रथम सप्ताह में शुरू हुई हैं। इसमें भी तेज धूल भरी आंधी-तूूफान ही रहीं। नमी की कमी के चलते बौछारें शांत ही रहीं। नागपुर में भी अब तक सामान्य से 95 प्रतिशत वर्षा कम दर्ज हुई है।
केरल में खत्म होगा बारिश का इंतजार
केरल में मानसून का इंतजार जल्दी ही खत्म हो सकता है। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि केरल में मानसून का आगाज 8 जून तक हो सकता है। आमतौर पर मानसून 1 जून के आसपास आता है। इस साल राज्य में प्री-मानसून सीज़न में अच्छी बारिश देखने को नहीं मिली। 1 जून से 5 जून के बीच भी केरल में बारिश 70 प्रतिशत तक कम रही। इस बीच बीते 24 घंटों में बारिश की तीव्रता में बढ़ोतरी हुई है। गरज के साथ बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। इसके चलते मानसून के आगमन के लिए स्थितियां अनुकूल बन रही हैं।
केरल, कर्नाटक और लक्षद्वीप के 14 स्थानों पर लगातार दो दिन 60% क्षेत्र में 2.5 मिलीमीटर या उससे अधिक बारिश होने पर ही मानसून की घोषणा की जाती है। इन 14 स्थानों में मैंगलोर, तिरुवनंतपुरम, पुनलुर, कोल्लम, अलेप्पी, कोट्टायम, थ्रिस्सूर, कालीकट, कन्नूर और थालास्सेरी शामिल हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इसके अलावा मानसून के आगमन के दो अन्य बड़े कारक भी अनुकूल बने हुए हैं। वर्तमान में 7° उत्तरी अक्षांश से लगा हुआ पूर्वी-पश्चिमी शीर-ज़ोन बना हुआ है, जो धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ जाएगा। इसके अलावा क्रॉस-इक्वेटोरियल फ्लो भी बढ़ सकता है। इस कारण केरल में अगले 2-3 दिनों में बारिश की तीव्रता में बढ़ोतरी होने के आसार हैं।
Created On :   7 Jun 2019 10:23 AM IST