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वेंकैया ने कहा - नई शिक्षा नीति महात्मा गांधी की नई तालीम का अनुकरण करती है
डिजिटल डेस्क, वर्धा। देश की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 महात्मा गांधी की ‘नई तालीम’ का अनुकरण करती है। नई शिक्षा नीति में भी प्राथमिक या माध्यमिक कक्षाओं में शिक्षा का माध्यम मातृभाषा रखने का प्रस्ताव किया गया है तथा विद्यार्थियों में उद्यमिता बढ़ाने के लिए कौशल प्रशिक्षण पर जोर दिया गया है। स्मरण रहे 1937 में वर्धा में ही जिस ‘नई तालीम’ का प्रस्ताव महात्मा गांधी द्वारा किया गया था उसमें नि:शुल्क अनिवार्य शिक्षा के अतिरिक्त मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाना और विद्यार्थियों को कौशल प्रशिक्षण देना सम्मिलित था। ऐसे विचार उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने व्यक्त किए। वे मंगलवार 4 जनवरी को वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के रजत जयंती समारोह को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने बाबासाहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण, अटल बिहारी वाजपेयी भवन एवं चंद्रशेखर आज़ाद छात्रावास का लोकार्पण रिमोट दबाकर किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा गांधी जी की ‘नई तालीम, उसके अनुभवों पर किया गया शोध और राष्ट्रीय अध्ययन, शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए उपयोगी हो सकते हैं। हमारी संविधान सभा ने लंबी बहस के बाद हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया तथा अन्य भारतीय भाषाओं को भी आठवीं अनुसूची में संवैधानिक दर्जा दिया। उन्होंने कहा कि हर भारतीय भाषा का गौरवशाली इतिहास है, समृद्ध साहित्य है, हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे देश में भाषाई विविधता है। हमारी भाषाई विविधता हमारी शक्ति है, क्योंकि हमारी भाषाएं हमारी सांस्कृतिक एकता को अभिव्यक्त करती है। इस संदर्भ में उपराष्ट्रपति ने युवा छात्रों से संप्रदाय, जन्म, क्षेत्र, लैंगिक भेद, भाषा आदि के आधार पर भेदभाव से ऊपर उठकर देश की एकता को मजबूत करने का आग्रह किया।
Created On :   5 Jan 2022 1:58 PM IST