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ट्रेन दुर्घटना से बचाएगा ‘ट्रैकमैन’ अलर्ट सिस्टम, रेलवे ट्रैकमेनों को मिलेगी राहत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे ट्रैकमैनों के लिए राहत की बात है। ट्रैक पर काम करते समय उन्हें ट्रैकमैन अलर्ट सिस्टम दुर्घटना से बचाएगा। एक किलोमीटर दूर से ही उन्हें ट्रेन के आने की सूचना मिलेगी। इसका प्राथमिक परीक्षण डायमंड क्रासिंग पर किया गया। इस सिस्टम को रामदेवबाबा अभियांत्रिकी महाविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के विद्यार्थियों ने इजाद किया है।
5 साल में 786 ट्रैकमैन दुर्घटना के शिकार
रेलवे की सुरक्षित यात्रा में बहुत बड़ा हाथ ट्रैकमैन का होता है। काम करते समय या पेट्रोलिंग के दौरान ट्रेन की आवाज नहीं सुन पाने के कारण अक्सर ट्रैकमैन दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। रेलवे सूत्रों के अनुसार वर्ष 2012 से 2017 के बीच ट्रैक पर काम कर रहे 786 कर्मचारी रेल दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं।
किया था हल निकालने का अनुरोध
मध्य रेलवे नागपुर मंडल के सुरक्षा विभाग ने रामदेवबाबा अभियांत्रिकी कालेज को पत्र लिखकर ट्रैकमैनों की इस समस्या का हल निकालने का अनुरोध किया था। इस चुनौती के रूप में लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रा. भालचंद्र हरदास तथा प्रा. विशाल राठी के मार्गदर्शन में चार विद्यार्थियों ने काम शुरू किया।
‘आइओटी’ तकनीक का उपयोग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ संकल्पना से प्रेरणा लेकर करीब एक माह के भीतर सिद्धेश जगताप, अमेय दहिकर, विनय केवटे तथा आदित्य चिकटे ने इस अनोखे उपकरण को इजाद किया। इस अभिनव उपकरण का निर्माण आइओटी तकनीक (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) का उपयोग कर किया गया है। माचिस की डिबिया के आकार के इस उपकरण को नाम दिया गया-ट्रैकमैन अलर्ट सिस्टम। ट्रैकमैन अलर्ट सिस्टम का परीक्षण डायमंड क्रासिंग पर किया गया जो सफल रहा। इस अभिनव खोज के लिए विद्यार्थियों और मार्गदर्शक प्राध्यापकों का सत्कार मध्य रेलवे, मुंबई के महाप्रबंधक संजीव मित्तल ने किया। मध्य रेलवे नागपुर के विभागीय प्रबंधक सोमेश कुमार, अतिरिक्त विभागीय रेलवे प्रबंधक जयसिंह, वरिष्ठ विभागीय सुरक्षा अधिकारी अरविंद दाभाडे सहित अनेक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी उपस्थित थे। इस खोज के लिए रामदेवबाबा अभियांत्रिकी प्रबंधन मंडल, प्राचार्य डा. राजेश पांडे, विभाग प्रमुख डा. खुर्शीद ने अभिनंदन किया है।
ऐसे करता है काम
ट्रैकमैन अलर्ट सिस्टम के तहत उपकरण की एक जोड़ी रहेगी। एक ट्रांसमीटर और दूसरा रिसीवर। ट्रांसमीटर को ट्रेन के इंजन में लगाया जाएगा, जबकि रिसीवर को घड़ी की तरह ट्रैकमैन अपने हाथ की कलाई पर बांधेंेगे। जब भी कोई ट्रेन गुजरेगी, तो एक किलोमीटर दूर से ही ट्रैकमैन को खतरे की सूचना मिलेगी। कलाई पर बंधे ट्रैकमैन अलर्ट सिस्टम का अलार्म बज उठेगा। रिसीवर की लाल बत्ती जलने लगेगी। इससे ट्रैकमैन सतर्क हो जाएगा कि ट्रेन आने वाली है।
कई चरणों में परीक्षण होगा
रामदेवबाबा अभियांत्रिकी महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए ट्रैकमैन अलर्ट सिस्टम का प्राथमिक परीक्षण डायमंड क्रासिंग पर किया गया। अभी कई चरणों में इसका परीक्षण किया जाना है। सर्दी, गर्मी सहित सभी मौसम और दिन-रात में यह कैसे काम करता है, इसका परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
-अरविंद दाभाडे, वरिष्ठ विभागीय सुरक्षा अधिकारी
Created On :   6 Jan 2020 4:57 AM GMT