Nagpur News: एविएशन सुरक्षा के लिए थंडर स्टॉर्म ने पैदा की नई चुनौतियां

एविएशन सुरक्षा के लिए थंडर स्टॉर्म ने पैदा की नई चुनौतियां
  • हवाई सेवाओं की नियमितता और यात्रियों की सुरक्षा प्रभावित
  • विदर्भ और सेंट्रल इंडिया में थंडर स्टॉर्म एक्टिविटी अधिक : डॉ. रिजवान
  • देश के 107 एयरपोर्ट्स के 400 से अधिक ऑफिसर हुए शामिल

Nagpur News मध्य भारत और विदर्भ क्षेत्र में लगातार बढ़ रही थंडर स्टॉर्म गतिविधियों और तेज हवाओं ने एविएशन सुरक्षा को लेकर नई चुनौतियां पैदा कर दी हैं। इन मौसमी खतरों के चलते हवाई सेवाओं की नियमितता और यात्रियों की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए हाल ही में "थंडर स्टॉर्म मॉनिटरिंग एंड एविएशन सेफ्टी' विषय पर "नेशनल ट्रेनिंग' का आयोजन किया गया। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) नागपुर के सहयोग से आयोजित ट्रेनिंग में देशभर के 107 एयरपोर्ट्स से 400 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन सीएएमडी नई दिल्ली के प्रमुख गजेंद्र कुमार ने किया। इस दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार नियमित प्रशिक्षण पर बल दिया।

सुरक्षित हो एयर ट्रैवल : एएमओ नागपुर के निदेशक डॉ. रिजवान अहमद ने कहा कि यह प्रशिक्षण खासतौर पर सेंट्रल इंडिया और विदर्भ जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के लिए डिजाइन किया गया था, जहां थंडर स्टॉर्म के साथ-साथ वेरी स्ट्रांग रेनफॉल और हेल स्टॉर्म जैसी स्थिति आम है। इस दौरान वैज्ञानिकों और वेदर फोरकास्टर्स को नवीनतम सैटेलाइट तकनीकों, मौसम पूर्वानुमान उपकरणों और थंडर स्टॉर्म से निपटने की रणनीतियों की ट्रेनिंग दी गई। यह पहल भविष्य में एयर ट्रैवल को अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।

हर 6 महीने में ट्रेनिंग दी जाए : विदर्भ सहित सेंट्रल इंडिया में थंडर स्टॉर्म पैटर्न, लोकल कन्वेक्टिव एंड सैटेलाइट आधारित मॉनिटरिंग मेथड्स पर विस्तृत चर्चा हुई। डॉ. रिजवान ने सैटेलाइट ऑब्जर्वेशन की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए बताया कि इन तकनीकों से एयर ट्रैफिक ऑपरेशन को अधिक सुरक्षित और कुशल बनाया जा सकता है। इसके अलावा, वेदर फोरकास्ट, नाउ कास्टिंग तकनीक और डायग्नोस्टिक टूल्स पर आधारित सत्रों में भी विशेषज्ञों ने अपने अनुभव शेयर किए। कार्यक्रम के समापन सत्र में डॉ. अहमद ने प्रतिभागियों, वक्ताओं और सहयोगी संस्थाओं के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रतिभागियों ने आईएमडी नागपुर के इस पहल की सराहना करते हुए हर 6 महीने में इस प्रकार के रिफ्रेशर कोर्स की मांग की।


Created On :   25 April 2025 1:32 PM IST

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