Nagpur News: इनकम टैक्स चोरों पर रेड की कार्रवाई में कमी, सर्वे ज्यादा हो रहा

इनकम टैक्स चोरों पर रेड की कार्रवाई में कमी, सर्वे ज्यादा हो रहा
  • सीपीएस से इनकम टैक्स चोरों का डेटा मिलना आसान हो गया
  • सर्वे के माध्यम टैक्स चोरी उजागर कर रहा

Nagpur News इनकम टैक्स चोरों पर रेड (छापे) की कार्रवाई में कमी आ गई है। छापे में कमी आने से टैक्स चोर बचने का ख्याल सहज ही मन में आता है। लेकिन इनकम टैक्स के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि सेंट्रल प्रोसेट सिस्टम (सीपीएस) ने टैक्स चोरों पर नकेल कसने का काम किया है। अब रेड (छापे) मारने की बजाय सीधा सिस्टम पर टैक्स चोरों का डेटा उपलब्ध हो जाता है। इस आधार पर इनकम टैक्स संबंधितों के कार्यालय या कंपनी में जाकर सर्वे के माध्यम टैक्स चोरी उजागर कर रहा है।

राजस्व में वृद्धि होने का दावा : इनकम टैक्स के सूत्रों का कहना है कि सीपीएस से इनकम टैक्स चोरों का डेटा मिलना आसान हो गया है। यह सिस्टम सीजीएसटी के सिस्टम से जुड़ा हुआ है। यानी कोई कारोबारी सीजीएसटी में ज्यादा रिटर्न भरता है आैर अपनी इनकम कम बताकर टैक्स चोरी करता है, तो सिस्टम से जानकारी मिल जाती है। इसी तरह कोई कारोबारी ज्यादा ट्रांजेक्शन बताकर कम रिटर्न फाइल करता है, तो उसकी चोरी भी सिस्टम पकड़ लेता है। सिस्टम से पुख्ता जानकारी उपलब्ध होती है आैर उसके दम पर संबंधित के यहां सर्वे किया जाता है। सिस्टम से उपलब्ध डेटा दिखाने पर कारोबारी ज्यादा ना नुकूर या आपत्ति नहीं उठाता। इस तरह सर्वे करके सारी कार्रवाई पूरी कर ली जाती है। इससे विभाग के राजस्व में वृद्धि होने का दावा किया गया है।

सर्वे सीमित व रेड व्यापक सर्वे आैर रेड (छापे) को समझना जरूरी है। सर्वे कारोबारी के कार्यालय या कंपनी में ही किया जाता है। इसमें कारोबारी का घर या रिश्तेदार शामिल नहीं है। वहीं रेड की व्याप्ति बहुत ज्यादा होती है। कारोबारी का घर, परिचित, रिश्तेदार, उसके संपर्क में आने वाले सभी तक विभाग की टीम पहुंचती है। कोई कारोबारी सर्वे की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है, तो वह अपील कर सकता है। सर्वे की कार्रवाई के खिलाफ जाने का प्रमाण भी बहुत कम होने का दावा विभाग की तरफ से किया गया है।

कमाई का अनुमान लगाना आसान : विभाग के सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ऐसा सिस्टम र्ईजाद कर रही है, जिसमें कारोबारी या उससे जुड़े लोगों की ट्रैवल्स हिस्ट्री से लेकर बहुत सी बातों का पता चल जाएगा। अगर कोई कारोबारी या उससे जुड़ा व्यक्ति बार-बार विदेश के दौरे कर रहा है, तो उसकी कमाई का अनुमान लगाना आसान हो जाएगा। पैसा नहीं है तो बार-बार विदेश क्याें आैर क्या करने जा रहा है, यह पता किया जा सकेगा। सुरक्षा एजेंसियांे को भी जानकारी मिलती रहेगी।


Created On :   25 April 2025 1:07 PM IST

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