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जेईई एडवांस में बैठेंगे शीर्ष 20 परसेंटाइल वाले स्टूडेंट, जेईई मेन्स में मिलेगा दो बार मौका
डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश के 20 आईआईटी और 31 एनआईटी में प्रवेश के लिए होने वाला "ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम" इस बार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी करवा रही है। यह पहली बार है, जब इस एग्जाम में बैठने वाले स्टूडेंट्स को जेईई मेन्स (प्रारंभिक परीक्षा) में दाे बार शामिल हाेने का माैका दिया जा रहा है। 7 से 12 अप्रैल के बीच हाेने जा रही इस एग्जाम के अनुभव और इसके कठिनाई के स्तर से स्टूडेंट एक बार जनवरी में भी रू-ब-रू हो चुके हैं, ऐसे में अप्रैल में छात्रों का प्रदर्शन बेहतर होने की पूरी संभावना है। पिछले सालों में जेईई मेन्स एग्जाम में चयनित होने के लिए जारी कट-ऑफ (न्यूनतम अंकों) का स्टूडेंट आंकलन करें, तो विशेषज्ञों का मानना है कि, इस बार भी जेईई मेन्स को पास कर जेईई एडवांस में बैठने की पात्रता रखने वाले छात्रों को कम से कम 93 परसेंटाइल तक हासिल करना ही होगा।
पिछले साल 93 परसेंटाइल तक हुआ था चयन
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था बदली है, तो छात्रों को उम्मीद थी कि पेपर के प्रारूप में कुछ बड़े बदलाव नजर आ सकते हैं, लेकिन जनवरी में परीक्षा में बैठने के बाद छात्रों ने अनुभव किया कि, परीक्षा में सरल सवाल ही पूछे गए। जनवरी में हुई परीक्षा के समय छात्रों की बोर्ड परीक्षाएं शुरू नहीं हुईं थी। ऐसे में अधिकतर सवाल 11वीं और जेईई के पाठ्यक्रम पर आधारित पूछे गए, लेकिन अप्रैल की परीक्षा में बहुत संभावना है कि पेपर में 12वीं के पाठ्यक्रम से जुड़े सवाल भी काफी मात्रा में पूछे जाएं। जेईई मेन्स का पेपर 360 अंकों का हाेता है। इनमें से साल 2018 में सबसे ज्यादा अंक पाने वाले के 350 अंक थे, जिसे 100 परसेंटाइल माना गया।
इसके मुताबिक 350 में से 74 अंक तक पाने वाले छात्रों को सामान्य श्रेणी में जेईई एडवांस में बैठने के लिए चुना गया था। इन 350 अंकों के साथ छात्रों का परसेंटाइल करीब 93 के आस-पास रहा। ऐसे में यह सकते हैं कि यदि इस बार परीक्षा में छात्रों को सफल होना है, तो कम से कम 93 से अधिक परसेंटाइल को अपना लक्ष्य बनाना चाहिए।
हर पाली में प्रश्नपत्र का स्तर अलग-अलग हो सकता है
जेईई मेन्स का पेपर-1 जनवरी में चार दिनों तक दो-पालियों में हुआ था। इसके सभी प्रश्नपत्र जेईई मेन्स की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इस बार परीक्षा में शीर्ष 20 परसेंटाइल हासिल करने वाले छात्रों को ही अगले चरण यानी जेईई एडवांस में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। अलग-अलग पालियों में प्रश्नपत्र का स्तर अलग-अलग हो सकता है, ऐसे में छात्रों का सही आंकलन करने के लिए नॉर्मलाइजेशन (सामान्यीकरण) तकनीक का सहारा लिया जाएगा। यानी, उस पाली में बैठे सभी छात्रों में से शीर्ष 20 परसेंटाइल वाले छात्रों को अवसर दिया जाएगा। फिर उस पाली का प्रश्नपत्र सरल की श्रेणी में आता हो या कठिन श्रेणी में।
Created On :   3 April 2019 8:59 AM GMT