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पांच माह से गायब बाघिन ‘चांदी’ को नहीं लगी थी कॉलर आईडी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले 5 महीने से गायब हुई उमरेड करांडला अभयारण्य की बाघिन चांदी का अभी तक कोई पता नहीं लगा है। वन विभाग की तरफ से चांदी बाघिन की तलाश के लिए कोई हलचल नहीं हो रही है। बाघिन चांदी को कॉलर आईडी नहीं लगा होने से उसे ट्रैक करना मुश्किल हो रहा है।
इस दौरान और एक बात सामने आ रही है कि वन विभाग की तरफ से जंगल की सीमा से लगे मार्ग पर कैमरा ट्रैपिंग लगाए जाते हैं, लेकिन कुछ महीने से उमरेड के करांडला अभयारण्य की सीमा पर लगे कैमरा निकाल कर दूसरे जंगल में लगाने की सूचना मिली है। चांदी बाघिन के कैमरा ट्रैपिंग में कोई फुटेज नहीं मिले हैं। इसी वजह से चांदी बाघिन की कोई जानकारी वन विभाग को नहीं मिली है। वन विभाग के इस रवैये से बाकी बचे बाघ और अन्य जानवर की सुरक्षा को लेकर वन्यप्रेमी और पर्यटकों में नाराजगी दिखाई दे रही है।
कुछ बीट में लगे हैं कैमरे
सितंबर अक्टूबर में विभाग ने कुछ 40 से 50 कैमरे फेज फोर ट्रेनिंग के लिए मंगाए थे। कैमरे निकालकर विभाग को भेजे गए हैं। कैमरे की डिमांड फिर वन विभाग से की गई थी। 50 कैमरे विभाग से प्राप्त हुए हैं, लेकिन उसका मेमोरी कार्ड प्राप्त नहीं होने से कैमरे जंगल में नहीं लगाए गए हैं।
मेमोरी कार्ड मिलते ही तुरंत कैमरे जंगल में लगाए जाएंगे। बाघिन चांदी की उम्र 12 साल अधिक होने से उसकी टेरोटरी करनी की ताकत कम हो गई है। दूसरे जंगल से आई बाघिन ने उसके बहुत से एरिए में अपना कब्जा जमा लिया है, इसलिए चांदी अपना एरिया छोड़ कर नई जगह पर जा सकती है। बाघिन चांदी को कॉलर आईडी नहीं लगा होने से उसे ट्रैक करना मुश्किल हो रहा है। - आरबी निंबेकर, आरएफओ, करांडला रेंज, पेंच प्रकल्प
Created On :   25 Jan 2020 11:43 AM GMT