प्रसिद्ध चौमुखनाथ मंदिर बना आस्था का केन्द्र

The famous Chaumukhnath temple became the center of faith
प्रसिद्ध चौमुखनाथ मंदिर बना आस्था का केन्द्र
सलेहा प्रसिद्ध चौमुखनाथ मंदिर बना आस्था का केन्द्र

डिजिटल डेस्क, सलेहा । पन्ना  जिले के सलेहा क्षेत्र अंतर्गत  प्रचीन चौमुखनाथ का मंदिर स्थित है। जहां पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में  श्रद्धालुं भगवान भोलेनाथ की अद्भुत अद्वितीय प्रतिमा के दर्शन करने के लिए  पहँुचते है सावन के पावन महिने में भगवान चौमुखनाथ मंदिर श्रद्धालुओं का केन्द्र बिन्दु़ बन गया हेै। आज सावन के पहले सोमवार में भगवान भोलेनाथ के मंदिर में हजारो की संख्या में भक्तगण पहँुचे और हर-हर बंम-बंम के जयकारो से मंदिर गूंज उठा। सलेहा क्षेत्र अंचल ही नही अपितु सतना,छतरपुर कटनी आदि जिलों से भगवान के दर्शन करने के लिए पहँुचाने वाले भक्तों की पूरे समय भीड़ देखी गई। सलेहा क्षेत्र स्थित नचने का चौमुखनाथ महादेव मंदिर अति प्राचीन  है। इस मंदिर में भगवान शिव के चार मुख वाली प्रतिमा स्थापित है। प्रतिमा का  प्रत्येक मुख अपनी अलग पहचान लिए हुए हैं और वह अपनी विशेषता बता रहा है। मंदिर के पुजारी संतोष कुमार शुक्ला द्वारा बताया गया कि चतुर्मुखी प्रतिमा में एक मुख भगवान के विवाह में सुशोभित दूल्हे के वेष का है। इसको गौर से देखने पर भगवान के दूल्हे के रूप के दर्शन होते हैं। दूसरे मुख में भगवान अद्र्धनारीश्वर के रूप में हैं। तीसरा मुख भगवान का समाधि में लीन  की स्थिति का है और चौथा मुख उनके विषपान करने का है। प्रतिमा को सूक्ष्मता के साथ दर्शन करने पर सभी रूप उभरकर सामने आते हैं। यह प्रतिमा अपने आप में अदभुद और दुर्लभ है।मंदिर के सामने  माता पार्वती का प्राचीन मंदिर है। जो वहां की सुंदरता तथा कलाकृति को देखने में ऐसा प्रतीत होता है यह चौथी या पांचवी शताब्दी के राजाओं द्वारा इसका निर्माण कराया गया है जो आकर्षण का केंद्र है। इसी तरह सलेहा से 10 किलोमीटर दूर स्थित अगस्त मुनि आश्रम में भगवान शिव की अद्भुत प्रतिमा स्थापित है जो दिन में तीन बार अपना स्वरूप एवं रंग बदलती है जिसे देखने में ऐसा प्रतीत होता है यहां पर  भगवान शिव के साक्षात  दर्शन प्राप्त होते हैंए जो क्षेत्रीय लोगों की आस्था का केंद्र है ।सिद्ध नाथ आश्रम का इतिहास अगस्त मुनि आश्रम तथा सुतीक्षण ऋषि से जुड़ा हुआ है यहां पर भगवान राम अगस्त्यमुनि से मिलने सुतीक्षण ऋषिके साथ आए हुए थे और भगवान श्री राम द्वारा अगस्त मुनि से भेंट की थीयह स्थान  श्री राम के पथ गमन से जुड़ा हुआ है।

Created On :   19 July 2022 4:11 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story