चयन प्रक्रिया को लेकर उठे सवालों के बीच राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से वंचित रह गया जिला

The district was deprived of the state level teacher award amid the questions raised regarding the selection process
चयन प्रक्रिया को लेकर उठे सवालों के बीच राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से वंचित रह गया जिला
शहडोल चयन प्रक्रिया को लेकर उठे सवालों के बीच राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से वंचित रह गया जिला

डिजिटल डेस्क, शहडोल। राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार 2022 की चयनित शिक्षकों की सूची में शहडोल जिले से एक भी शिक्षक शामिल नहीं हुए। राज्यपाल सम्मान के लिए प्रदेश स्तर पर जारी 14 शिक्षकों सूची में अनूपपुर जिला है लेकिन शहडोल जिले के किसी शिक्षक का नाम नहीं है। चयन भले ही अंकों के आधार पर किया गया हो, लेकिन शहडोल से नाम नहीं होने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से एक बजाए दो शिक्षकों का नाम भेजे जाने को भी प्रमुख कारण माना जा रहा है। पुरस्कार के लिए 2 शिक्षकों की अनुशंसा और अपनाई गई प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए दैनिक भास्कर में 2 सितंबर को खबर का प्रकाशन किया था। चयन समिति द्वारा पहले रघुराज स्कूल के शिक्षक मनोज श्रीवास्तव का चयन किया गया। इनकी फाइल भोपाल भेजे जाने के पहले भोपाल से आये आदेश के बाद चयन समिति में शामिल दो अन्य सदस्यों की अनुसंशा पर पुलिस लाइन की शिक्षिका आभा सिंह की फाइल भोपाल भेजी गई। इस अनुसंशा में समिति के पूरे सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं थे। कलेक्टर के निर्देश के बाद पुन: समिति की बैठक हुई और मनोज श्रीवास्तव का नाम चयनित किया गया। दूसरी बार मनोज श्रीवास्तव की फाइल भोपाल भेजी गई। इस बार भी अनुसंशा में समिति के पूरे सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं थे। राज्य स्तर पर दोनों शिक्षकों ने अपना प्रेजेंटेशन दिया, जबकि नियमानुसार चयनित एक शिक्षक को ही प्रेजेंटेशन देना था।
योग्यतानुसार हो मूल्यांकन
राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष लालजी तिवारी का कहना है कि इस वर्ष शहडोल जिला राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान प्राप्त करने के अवसर से वंचित हो गया, जिसके लिए मूल्यांकन प्रक्रिया भी जिम्मेदार है। भविष्य में इस तरह का कार्य ना किया जाए कि शिक्षा जगत के क्षेत्र में जिले की शान में कमी हो एवं प्रतिष्ठित राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार एवं राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से योग्य शिक्षकों को वंचित होना पड़े।
मूल्यांकन पर उठ रहे सवाल
जिला स्तर पर दो बार समिति की बैठक हुई और दोनों बार अलग-अलग शिक्षक को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। जबकि शिक्षक पुरस्कार के लिए राज्य स्तर से प्रत्येक गतिविधि के अंक निर्धारित हैं। कहा जा रहा है कि विगत वर्षों की फाइल की जांच की जाए तो सब कुछ सामने आ जायेगा। सूत्रों की मानें तो जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कार्यरत कुछ कर्मचारी इस खेल के पीछे हैं, जो मूल्यांकन को प्रभावित करते हैं। कहा जा रहा है कि यदि ऐसे ही योग्यता को दरकिनार कर अपने व्यक्तियों को उपकृत करते  रहे तो सम्मान के लिए कोई शिक्षक आवेदन नहीं करेगा।

Created On :   7 Sept 2022 3:43 PM IST

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