तीन साल की उम्र में परिजन से बिछड़ गया था विक्षिप्त बालक
डिजिटल डेस्क,सतना। चित्रकूट थाना क्षेत्र के वार्ड क्रमांक-7 नयागांव से 11 साल पहले लापता हुए विक्षिप्त बालक को पुलिस ने खोज निकाला है। यह कार्रवाई किसी चमत्कार से कम नहीं है। इतना वक्त बीत जाने पर न सिर्फ चेहरे और कद में बदलाव आ जाता है बल्कि यादें भी धुंधली पड़ जाती हैं। मुश्किल तब और ज्यादा होती है जब बच्चा मानसिक रूप से कमजोर हो, इसके बावजूद पुलिसकर्मियों ने हार नहीं मानी और 14 साल की उम्र पूरी कर चुके बालक को घर वालों से मिलाकर ही दम लिया।
क्या है मामला
टीआई एचएल मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2012 में जब बच्चे की उम्र तीन साल थी, तब वह परिजनों से बिछड़कर कहीं खो गया। काफी तलाश करने के बाद भी पता नहीं चला तो माता-पिता ने थाने में शिकायत की, जहां अपराध दर्ज कर खोजबीन शुरू की गई, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद कोई नतीजा नहीं निकला। धीरे-धीरे मामला ठंडे बस्ते में चला गया तो परिजन भी हार मानकर घर बैठ गए, मगर नियति को कुछ और ही मंजूर था। फरवरी में पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर प्रारंभ किए गए मुस्कान अभियान के तहत सभी पुराने प्रकरणों को खोलकर विवेचना प्रारंभ की गई।
ऐसे हुई घर वापसी
इसी दौरान एएसआई एसपी बागरी, आरक्षक दिनेश भावल, विनोद द्विवेदी और संतोष कुमार को 2012 में गुमे बच्चे की पतासाजी का टास्क दिया गया। इस टीम ने परिजनों से मिलने के बाद उत्तरप्रदेश के अलग-अलग शहरों में खोजबीन शुरू की और जब 13 फरवरी को कर्वी रेलवे स्टेशन पहुंचे तो वहां 14 वर्षीय विक्षिप्त बालक मिल गया, जिसका हुलिया बचपन की फोटो से मिल रहा था, लिहाजा उसे चित्रकूट लाकर परिजन के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने देखते ही पहचान लिया। अंतत: आवश्यक कार्रवाई के बाद बालक को माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया। बच्चे को पाने की उम्मीद खो चुके परिजन के लिए यह किसी आश्चर्य से कम नहीं था। उन्होंने पुलिस टीम की जमकर सराहना की। वहीं एसपी ने भी पीठ थपथपाई है।
Created On :   14 Feb 2023 12:30 PM GMT